छत्तीसगढ़

41 दिनों बाद बीएसपी कर्मी का शव जिला प्रशासन अंतिम संस्कार करने मरच्यूरी से निकाला, पत्नी ने कहा मेरा भी कर दो दाह संस्कार

भिलाई ।  भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मचारी कार्तिक राम ठाकुर के शव को 41 दिनों बाद आखिर सेक्टर-9 अस्पताल के मरच्यूरी से निकाला गया। इस दौरान बाहर गेट से लेकर भीतर तक पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया था। पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई को अंजाम दिया, इसके बाद जिला प्रशासन पोस्ट मार्टम करवाने के लिए शव को लेकर निकला। दुर्ग के चीरघर के सामने करीब एक घंटे तक रुकने के बाद शव को वहां से रायपुर लेकर गए। मेकाहारा, रायपुर के मारच्यूरी में शव को रख दिया गया है। मंगलवार को सुबह 11 बजे पीएम किया जाएगा, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर पूरे कार्रवाई से नाराज पत्नी ने कहा है कि उनका भी पति के बाजू में दाह संस्कार जिला प्रशासन कर दे।

मरच्यूरी की चाबी लाने में लगा वक्त-
सेक्टर-9 अस्पताल के मरच्यूरी में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट योगेंद्र वर्मा करीब 12.40 बजे पहुंचे। इसके पहले वे जिला अस्पताल, दुर्ग के मरच्यूरी चले गए थे, उनको आशंका थी कि शव वहीं है। जब जानकारी मिली की सेक्टर-9 में है तब वे सेक्टर-9 अस्पताल पहुंचे। यहां मरच्यूरी की चाबी जिनके पास थी, उनको बुलाया गया। वे करीब 20 से 25 मिनट बाद पहुंचे। तब तक पुलिस के अधिकारी कई बार अस्पताल प्रबंधन को फोन लगा चुके थे।

शव को बाहर लाए-
दोपहर करीब 1 बजे मरच्यूरी से शव को बाहर लेकर आए, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव से कपड़ा हटाकर देखा गया। इसके बाद उसे वापस पैक कर दिए। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल की तैनाती यहां बड़े पैमाने में की गई थी। सेक्टर-9 अस्पताल के मुख्य गेट से मरच्यूरी जाने वाले रास्ते में जवानों को तैनात किया गया था। दोपहर करीब 2 बजे शव को सेक्टर-9 अस्पताल से बीएसपी के एंबुलेंस में लेकर जिला अस्पताल, दुर्ग के मरच्यूरी के लिए रवाना हुए।

हंगामा की अशंका से प्रशासन रहा अलर्ट-
जिला अस्पताल, दुर्ग के चीरघर में शव को लेकर करीब सवा एक बजे पहुंचे। बीएसपी के एंबुलेंस से शव को उतारे, इसके बाद उसे पुन: वापस बिना पोस्ट मार्टम किए ही एंबुलेंस में रख दिया गया। एबुलेंस के आगे थाना प्रभारी समेत टीम चल रही थी। वहीं एबुलेंस के पीछे पुलिस जवानों को लेकर एक बस भी साथ में चल रही थी। परिवार या रिश्तेदार किसी तरह से हंगामा न मचा दे, इस डर से जिला प्रशासन कभी शव को राजनांदगांव लेकर जाने पर विचार कर रहा था, तो कभी रायपुर लेकर जाने की बात हो रही थी। अंत में दुर्ग से दोपहर करीब 3 बजे शव को लेकर रायपुर, मेकाहारा जाने रवाना किया गया। जहां शव को लेकर टीम करीब सवा चार बजे पहुंची। विलंब हो जाने की वजह से मरच्यूरी में शव को रख दिया गया। वहां से टीम वापस लौट गई है।

लावारिस शव की तर्ज पर किया जाएगा अंतिम संस्कार-
जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है कि परिवार कार्तिराम ठाकुर के शव को लेकर अंतिम संस्कार करे। इसको लेकर खुद कार्यपालिक मजिस्ट्रेट ने परिवार से चर्चा की। वे अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलनरत है। जिसकी वजह से जिला प्रशासन लावारिस शव की तर्ज पर उनके शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहा है।

आंदोलनरत पत्नी भड़की-
आंदोलनरत पत्नी आशन बाई ठाकुर यह सुनकर भड़क गई कि उनके पति के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को जल्दी है तो पति के साथ उनका (पत्नी) का भी दाह संस्कार कर दे। एक बार भी पंडाल में जिला प्रशासन की ओर से कोई नहीं आया और न कोई मदद की। हमारी मांग जायज है, उसे पूरा करवाएं।

मामले को किया जा रहा दफन-
गोड़वाना गोड़ महासभा, जिला दुर्ग के अध्यक्ष, चंद्रभान सिंह ठाकुर ने कहा कि आदिवासियों राज्य में जिला प्रशासन आदिवासियों पर कुठाराघात कर रहा है। 41 दिनों से शव रखा हुआ है परिवार को न्याया दिलाने की जगह प्रशासन बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर मामले को दफन करने की तैयारी कर रहा है।

गवाहों की मौजूदगी में विधि के मुताबिक किया जा सकता है अंतिम संस्कार-
वरिष्ठ अधिवक्ता, दुर्ग, जेपी साहू ने कहा कि परिवार या निकट के रिश्तेदार को पीएम के बाद शव सुपुर्दनामा में दिया जाता है। अगर कोई लेने से इंकार कर देता है तब जिला प्रशासन उसका गवाहों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार विधि के मुताबिक कर सकती है।

मंगलवार को होगा पोस्ट मार्टम-
कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, दुर्ग योगेंद्र वर्मा ने कहा कि रायपुर पहुंचने में विलंब हो गया था, जिसकी वजह से पीएम आज नहीं किया जा सका है। पोस्ट मार्टम मंगलवार को रायपुर में सुबह करीब 11 बजे किया जाएगा। परिवार शव सुपुर्दनामा में नहीं लेता है तो अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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