छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री के द्वारा 18 वर्ष के अधिक युवा का नि:शुल्क टीकाकरण किए जाने का निर्णय का स्वागत: डॉ रश्मि चंद्राकर

महासमुंद। जिला कांग्रेस कमेटी महासमुंद के जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कोरोना टीका करण में 18 वर्ष से अधिक के युवाओं को छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा निशुल्क टीकाकरण किए जाने का निर्णय का स्वागत करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवा पढ़ाई व्यवसाय नौकरी सहित परिवारिक दायित्व का निर्वहन के लिए घर से बाहर निकलते हैं जिस कारण युवाओं पर संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 18 वर्ष से 45 वर्ष के सभी छत्तीसगढ़ वासियों को मुफ्त टीकाकरण उपलब्ध कराने के फैसले का स्वागत करते हुए महासमुंद जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा है कि इस फैसले से स्पष्ट हो गया है जिम्मेदार सरकार ऐसी होती है .

केंद्र की मोदी सरकार के युवा विरोधी गरीब विरोधी रवैया की आलोचना करते हुए श्रीमती चंद्राकर ने कहा है कि बजट भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है. और स्वास्थ्य पर कुल 2.4 लाख करोड़ खर्च करने का ऐलान किया था।

महासमुंद जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने सवाल उठाया है कि केंद्र सरकार के 35 हजार करोड़ के वैक्सीनेशन बजट से 18 वर्ष से 45 वर्ष की आयु वर्ग के वैक्सीनेशन का खर्च केंद्र सरकार क्यों वहन नहीं कर रही है ?

जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने फ्री टीकाकरण का वादा किया था लेकिन हमेशा की तरह मोदी सरकार अपने वादों से मुकर गई ।

नौजवानों के ऊपर 18 से 45 वर्ष के लोगो के वैक्सीनेशन टीके के व्यय का बोझ मोदी सरकार ने डाला उसको भूपेश सरकार ने अपने जिम्मे लेकर जन जन तक राहत पहुचाने का काम किया है,यही कांग्रेस का मॉडल है,
यही भूपेश बघेल का छतीसगढ़ मॉडल है।

श्रीमती चंद्राकर ने कहा है कि देश में केंद्र सरकार एक फ्रिज, या एयरकंडीशनर, कार या मोटरसाइकिल के लिए भी देशभर के सरकारी खरीदी के रेट तय करते आई है । यह बात बेहद अजीब और भयावह है कि जीवनरक्षक वैक्सीन के रेट तय करने से केंद्र सरकार ने हाथ खींच लिया, उसे मुहैया कराने से हाथ खींच लिया, और यह वैक्सीन निर्माताओं के कारोबारी कार्टेल पर छोड़ दिया कि वह खुले बाजार के साथ-साथ राज्य सरकारों के साथ मोलभाव करे, ऐसे खतरे के वक्त में मोदी सरकार 18 से 45 आयुवर्ग की जिम्मेदारी से मुकर रही है।

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