छत्तीसगढ़

राजधानी में कोरोना की दूसरी लहर में कैदी भी सिहरे, तमाम एहतियात के बाद बन रहे शिकार…

रायपुर। कोरोना की दूसरी लहर से प्रदेश के जेल में निरुद्ध कैदी भी सिहर रहे हैं. रायपुर और दुर्ग केंद्रीय जेल में निरुद्द पांच कैदियों की अब तक कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है, वहीं करीबन 70 कैदी संक्रमित हो चुके हैं. यह तब है जब जेल में ले जाने से पहले कैदियों का बाकायदा टेस्ट किया जा रहा है. हालात को देखते हुए फिर से कैदियों को पैरोल पर छोड़ जाने की मांग उठने लगी है.

 

रायपुर केंद्रीय जेल जेल अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक़, जनवरी 24 अप्रैल 21 तक जेल में 21 कैदी कोरोना संक्रमित हुए हैं, वहीं 3 कैदियों की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हुई है. बताया गया कि नव प्रवेशी कैदियों को एंटीजन टेस्ट निगेटिव आने के बाद के बाद जेल में प्रवेश दिया जाता है, फिर आरटीपीआर टेस्ट कर रिपोर्ट आने तर अलग बैरक में रखा जाता है. लेकिन आरटीपीआर रिपोर्ट 5 से 10 दिन तक लेट आने से कई कैदियों की तबियत बिगड़ जाती है.

रायपुर जेल में तीन कैदियों की हुई मौत

जानकारी के अनुसार, रायपुर केंद्रीय जेल में निरुद्ध बंदी सुखलाल को 10 अप्रैल को इलाज के लिए मेकाहारा में भर्ती किया, जहां 12 अप्रैल को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसी तरह बंदी होरीलाल की 17 अप्रैल को इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं बंदी कमला निराला को 16 अप्रैल को मेकाहारा में भर्ती किया गया, जहां 17 अप्रैल को उसने अंतिम सांस ली.

दुर्ग केंद्रीय जेल में 59 कैदी मिले संक्रमित

वहीं केंद्रीय जेल दुर्ग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक़, कोरोना के दूसरे लहर में अब तक दो कैदियों की मौत हुई है. 59 कैदी संक्रमित पाए गए हैं, इसमें 7 कैदी संक्रमित रिपोर्ट के साथ आए थे, और 7 कैदी पैरोल से वापस आने पर संक्रमित पाए गए हैं. दुर्ग केंद्रीय जेल में महिला बंदी कविता ठाकुर में 12 अप्रैल को जाँच के दौरान ऑक्सीजन कम पाए जाने पर दुर्ग जिला चिकित्सालय भेजा गया, जहां 15 अप्रैल को उसकी मौत हो गई. इसी तरह 92 वर्षीय बंदी दयाराम को 13 अप्रैल को उपचार के लिए चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां 22 अप्रैल को उसकी मौत हो गई.

गृहमंत्री ने जिलों से मंगाई जानकारी

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना के क़हर को देखते हुए सभी ज़िलों से वहाँ की स्थिति को लेकर जानकारी माँगी गई है, और दिशा-निर्देश दिया गया है कि कोरोना एडवाइजरी का सख़्त पालान करायी जाएं. वहीं उन्होंने कैदियों को पैरोल पर छोड़ जाने के फैसले को लेकर किए गए सवाल पर कहा इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है, क्योंकि सभी जेलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति नहीं है.

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