छत्तीसगढ़रायपुर

2 जनसूचना अधिकारी पर 1-1लाख रूपये का अर्थदण्ड, मुख्य सूचना आयुक्त नें की बड़ी कार्रवाई

रायपुर। राजधानी से एक बड़ी खबर है कि जहां सूचना के अधिकार में जानकारी नहीं दिए जाने को लेकर दो जन सूचना अधिकारियों पर आयोग ने कार्यवाही करते हुए उन पर पेनाल्टी लगाया गया है। आवेदक को शासकीय धन के व्यय के संबंध में जानकारी नहीं दिया जाना भारी पड़ गया है। सूचना नहीं दिए जाने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल ने दोनों जन सूचना अधिकारियों पर एक-एक लाख रुपए की पेनल्टी लगाई है। आयोग ने महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा की आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी का संबंध शासकीय धन के व्यय से है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधान के तहत पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए भारत के प्रत्येक नागरिक को शासकीय धन के व्यय के संबंध में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है।

आवेदक प्रताड़ित हुआ और उसके सूचना प्राप्ति के मौलिक अधिकार का हनन हुआ-

दरअसल अधिवक्ता व्यास मुनि द्विवेदी ने छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड रायपुर और छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड रायपुर, दोनों बोर्ड में चार-चार आवेदन लगाकर मुख्य रूप से शासकीय धन के व्यय के संबंध में जानकारी चाहिए थी। दोनों जन सूचना अधिकारियों ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8(1) के विभिन्न प्रावधानों के तहत सूचना देने से मना कर दिया। आयोग ने तख्त टिप्पणी करते हुए कहा की जन सूचना अधिकारी ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा की गलत व्याख्या कर शिकायतकर्ता को जानकारी देने से वंचित किया। आयोग ने कहा कि जन सूचना अधिकारी के कृत्य से आवेदक प्रताड़ित हुआ और उसके सूचना प्राप्ति के मौलिक अधिकार का हनन हुआ है।

शिकायतकर्ता पर टिप्पणी करना अनुचित पाया आयोग ने-

सूचना न मिलने पर शिकायतकर्ता ने आयोग में शिकायत की और बताया कि जन सूचना आधिकारी ने प्रथम अपील अधिकारी का विवरण भी नहीं दिया, जिस से वह प्रथम अपील भी नहीं कर सका। आयोग के समक्ष जन सूचना अधिकारी ने पक्ष रखा कि शिकायतकर्ता ने प्रथम अपील दायर ना कर आयोग में शिकायत की गई, जो कि अनुचित है। आयोग ने आदेश में उल्लेखित किया की अपीलआर्थी/ शिकायतकर्ता प्राप्त जानकारी से असंतुष्ट होकर प्रथम अपील दायर करने या छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के समक्ष शिकायत प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र होता है, वह शिकायत करे या अपील करे, इसमें जन सूचना अधिकारी द्वारा टिप्पणी करना अनुचित है।

आयोग ने यह भी पाया कि जन सूचना अधिकारी ने आवेदन के निराकरण में प्रथम अपील अधिकारी और अपील अवधि के संबंध में शिकायतकर्ता को अवगत नहीं कराया और ना ही प्रेषित पत्र में अपने नाम का उल्लेख किया।

छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के जन सूचना अधिकारी गुरु संजय गोखले पर और छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के जनसूचना अधिकारी परेश मिंज पर 4-4 प्रकरणों में रुपए 25 हजार की पेनल्टी प्रत्येक प्रकरण में अधिरोपित कर बोर्ड के प्रबंध संचालको से दोनों सूचना अधिकारियों से अर्थदंड की राशि वसूली करने हेतु आदेशित किया है।

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