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नाक में बार-बार उंगली डालने वाले हो जाएं सावधान, बन सकते हैं इस दिमागी रोग का शिकार

 

 

नाक को बार-बार कुरेदने से नाक की भीतरी परत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे बैक्टीरिया को खून में मिलकर दिमाग तक पहुंचने का आसान रास्ता मिल सकता है।

इस अध्ययन में शोधकर्ता दिमाग से नाक को सीधे जोड़ने वाली नस के साइनस बग के संपर्क में आने पर होने वाले असर का अध्ययन कर रहे थे। चूहों पर हुए इस अध्ययन में 72 घंटे के भीतर ही दिमाग में उस बैक्टीरिया की मौजूदगी देखी गई। साथ ही एक माह के भीतर चूहों में प्रोटीन प्लाक बनने लगे, जो अल्जाइमर से संबंधित होते हैं।

ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिन यूनिवसिर्टी के शोधकों के अनुसार, पहली बार इस बात का खुलासा हुआ है कि क्लेमाइडिया न्यूमोनिए बग सीधे नाक से दिमाग तक पहुंच सकता है। हालांकि क्लेमाइडिया न्यूमोनिए, एक सामान्य बैक्टीरिया है, जिससे गले, कान, साइनुसाइड से जुड़ी समस्याएं होती हैं। जब यह बैक्टीरिया फेफड़ों के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, तो शरीर का रक्षात्मक कवच उसे दिमाग से पहुंचने से रोक लेता है।

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