रायपुर

काम होने के बाद टेंडर, फंड भ्रष्टाचार के लिए सरेंडर- सांसद सोनी

 

 

रायपुर। सांसद सुनील सोनी ने फंड का दुरुपयोग कर अपने लोगों को फायदा पहुंचाने, नियमों का उल्लंघन कर विकास के नाम पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि तेलीबांधा से वीआईपी रोड पर डिवाइडर सजाने संवारने के नाम पर दो करोड़ रुपए का खेल किया गया है। जब काम लगभग हो गया है तब नगरनिगम ने इसका टेंडर जारी किया है।

निविदा सूचना बता रही है कि निविदा प्रपत्र 9 नवंबर से दिए जाएंगे। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 16 नवंबर है। इसी दिन टेंडर खोला जाएगा। अब सवाल यह है कि जब काम निबट गया है तो इसी काम का टेंडर कैसे दिया जा सकता है? काम होने के बाद निविदा सूचना जारी होना भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रमाण है।

राजधानी की जनता और शहर से नई राजधानी जाने वाले जिम्मेदार लोग माह भर से डिवाइडर पर गमले बनते देख रहे हैं और यह काम जैसा भी हो रहा है, वह पूर्णता पर है। तब उसकी टेंडर प्रक्रिया सामने आ रही है, इससे बड़ा नमूना और क्या हो सकता है? कांग्रेस के राज में पूरे प्रदेश में यही हो रहा है कि काम पहले हो जाता है और निविदा बाद में निकलती है।

सांसद सुनील सोनी ने कहा कि गमला संस्कृति से कांग्रेस का पुराना नाता है। इसके बड़े नेता पी. चिदम्बरम गमले में करोड़ों रुपए की गोभी उगाने का चमत्कार दिखा चुके हैं और अब कांग्रेसी महापौर वाली रायपुर नगरनिगम ने कुछ सौ मीटर के डिवाइडर पर करीब 2 करोड़ की गमलागिरी का नमूना पेश किया है। इसके पहले चौक चौराहों के रंग रोगन के नाम पर 70-70 लाख रुपये फूंक दिए गए।

यह स्मार्टसिटी फंड का सीधा सीधा दुरुपयोग है। राज्य का नगरीय प्रशासन विभाग तो इस भ्रष्टाचार लीला पर कुछ करने से रहा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को इससे अवगत कराया जायेगा कि छत्तीसगढ़ में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए स्मार्ट सिटी के फंड की किस तरह बंदरबांट चल रही है।

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