छत्तीसगढ़

सभी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा, राज्यपाल की भूमिकाओं की समीक्षा होनी चाहिए : सीएम बघेल

रायपुर। अंबेडकर जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि एक तरफ देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, वहीं दूसरी तरफ बाबासाहेब अंबेडकर दबे कुचले समाज को अधिकार दिलाने के लिए संगठित कर संघर्ष कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षित होकर संगठित होकर संघर्ष करने की प्रेरणा दी है. साथ ही सीएम बघेल ने कहा कि देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है. सभी संवैधानिक संस्थाओं को कमज़ोर किया जा रहा है.इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में राज्यपाल की भूमिकाओं की समीक्षा होनी चाहिए, यह तय होना चाहिए कि विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को राज्यपाल कितने दिन रख सकते हैं.

सीएम ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर की जयंती आज पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ नगरों में राहुल गांधी की पदयात्रा की समय महू जाने का मौका मिला था. उनका जन्म महू में हुआ था. शिक्षा में भी कुशाग्र बुद्धि के थे, हम कुत्ते बिल्ली को गोद में ले सकते हैं, लेकिन मनुष्य के साथ भेदभाव करते हैं. देश के बहुत सारे महापुरुषों ने इसको महसूस भी किया है, एक तरफ देश में आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी. दूसरी तरफ डॉ.भीमराव अंबेडकर के द्वारा दलित – शोषित वर्ग को इकट्ठा किया जा रहा था.

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