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राजनीति में विश्वास और इमानदारी कमाने में वर्षों लग जाते हैं: सभापति प्रमोद दुबे

रायपुर राजनेता वह हो जो सबको भा य सब के काम आए पद के लिए नहीं सम्मान के लिए काम करें ऐसे ही एक राजनेता की चर्चा हम करने जा रहे हैं जिन्होंने अपने काम के दम पर राजनीति में मुकाम हासिल किया पद हासिल किया लोकप्रियता हासिल की और आज प्रदेश को देश में राजनीति का एक चेहरा है जी हां हम चर्चा कर रहे हैं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ राजनेता एवं नगर पालिक निगम रायपुर में सभापति प्रमोद दुबे की जो एक शख्सियत ही नहीं एक किताब है जिसे हर व्यक्ति को पढ़ना चाहिए और प्रेरणा लेनी चाहिए तो आइए शुरुआत करते हैं और बातचीत करते हैं और इस राजनेता की जिंदगी के पन्नों से रूबरू होते हैं।

छत्तीसगढ़ वॉच प्रतिनिधि ने नगर पालिक निगम में सभापति वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद दुबे से बातचीत की और उनकी तमाम पक्षों को जानने का प्रयास किया राजनीति में प्रवेश पर बातचीत करते हुए बताया कि वर्ष 1984 85 छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की और पहला चुनाव बीकॉम प्रथम वर्ष में कक्षा प्रतिनिधि का लड़ा लेकिन हार गया यहीं से प्रेरणा मिली और शुरुआत होती चली गई बीकॉम सेकंड ईयर में छात्र संघ उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की फिर क्या था जीत की मिठास की धुन में आगे बढ़ते चले आया वर्ष 1987 88 में छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा जीत मिल गई अब तो जीत की राह पकड़ ली थी मानो जीत के लिए पंख लग गए थे फिर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की बारी आई लड़ा गया और जीत हासिल स्नातकोत्तर तक की शिक्षा में कई छात्र जीवन के चुनाव जीते इन चुनावों में यह शिक्षा दे दी कि अब मुख्यधारा की राजनीति में जाना चाहिए यही वजह बनी और मैंने 1996 में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के युवक कांग्रेस में चुनाव के लिए दावेदारी पेश की और जीत हासिल की उनका कहना था कि पारिवारिक जीवन में परिवार से कोई राजनीति में नहीं है 4 भाई और एक बहन ने सभी राजपत्रित अधिकारी हैं मैं पहला व्यक्ति हूं जो परिवार से राजनीति में आया और अब तक सफर जारी है 97 में वह कांग्रेसी जिला अध्यक्ष का चुनाव रायपुर जिले के लिए लड़ा और जीत गया फिर क्या था प्रदेश उपाध्यक्ष 2001 में 2004 में पार्षद चुनाव में जीत हासिल की अब तो रफ्तार पकड़ जीतने की आदत हो गई थी 2009 में वार्ड पार्षद निर्वाचन क्षेत्र बदलना पड़ा आरक्षण के चलते लेकिन जीत का सिलसिला बना रहा और चलता गया 2014 में महापौर के चुनाव में भी चुनाव जीतने हौसला दे दिया और निरंतर आगे बढ़ते रहा 2018 में लोकसभा चुनाव में हार मिली लेकिन निराशा नहीं थी क्योंकि पहले काफी चुनाव जीत चुका था फिर राजनीति से ध्यान हटने लगा और लगा कि अब चुनाव नहीं लड़ना चाहिए ऐसे दौर में कांग्रेस में यह चिंता सामने आ गई के रायपुर जिले में नगर पालिका चुनाव के लिए चेहरा चाहिए जिले के प्रभारी मंत्री रविंद्र चौबे के निर्देश पर यह कहा गया कि रायपुर में कांग्रेस को खड़े रखना है इसलिए चुनाव लड़ना होगा दोबारा मन बनाया और निर्वाचन क्षेत्र बदलते हुए पंडित भगवती चरण शुक्ल वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ा ताकि विपक्षियों को हराया जा सके क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा के ताकतवर नेता राजीव अग्रवाल संजय श्रीवास्तव सुभाष तिवारी अशोक पांडे सच्चिदानंद उपासने प्रफुल्ल विश्वकर्मा आदि तमाम नेता भाजपा को मोर्चा देने में लगे हुए थे ऐसे में इस महती जिम्मेदारी को निभाते हुए पूर्व पार्षद चुनाव लड़ा और जीत हासिल की और फिर सभापति का काम नगर पालिक निगम ने संभाल लिया जो अनवरत जारी है

उन्होंने राजनीति में उच्च पदों पर आने की महत्वाकांक्षा को लेकर बातचीत में कहा की जीवन में ऊंचे पद पर आने की किसकी महत्वकांक्षी नहीं रहती सभी की रहती है मेरे में भी थी सर मैंने अपने इच्छा के अनुसार चुनाव लड़े और जीत हासिल कर पदवी प्राप्त किया वे कहते हैं कि राजनेता का काम बोलता है पद से क्या होता है राजनेता को विश्वास और इमानदारी कमाने में वर्षों लग जाते हैं राजनीति में व्यक्तित्व बनाने में वर्षों लग जाते हैं जो मुझे मेहनत से मिले।

बख्शीश लेने वाला नेता कभी नहीं बनाना चाहा

निगम सभापति कहते हैं कि जीवन में एक राजनेता को बक्शीश वाला नेता नहीं बनना चाहिए राजनेता वह हो जो आम लोगों के लिए काम करें कई ऐसे अवसर आए काम करने के बाद लोग पहुंचे और लिफाफा देने लगे और यह समझाने लगे कि बख्शीश ले लीजिए मैंने इंकार कर दिया यहीं से छवि बनी और आज राजनीति में मुकाम हासिल करने में मदद की उनका कहना था कि यह बात गलत है जो लोग कहते हैं की चुनाव में डमी प्रत्याशी की भूमिका होती है ऐसा नहीं है पार्टी सर्वेगुण दोष के आधार पर प्रत्याशी बनाती है ताकि पार्टी की भी छवि बन सके इसलिए इस मान्यता को अफवाह माना जाना चाहिए गलत माना जाना चाहिए उनके चुनाव में ऐसा कोई अवसर नहीं था जब कोई डमी प्रत्याशी को हराकर चुनाव जीता हमेशा प्रतिद्वंदिता बराबर की पार्टी में टिकट वितरण में धन का उपयोग इस सवाल पर सभापति का कभी मन हंसते हुए चेहरा दिखा और इसी मुस्कान के बीच प्रमोद दुबे सपाट रुप से कई बातों को छोड़ते हुए यह कहते हैं आम कार्यकर्ता को भी टिकट मिली चाहिए और वह मिलती रही है पर कहीं ऐसा लगा कि कभी ऐसा भी राजनीति में हुआ की धन के बोल ने पार्टी प्रत्याशी दे दिया मानते हैं कि ऐसा नहीं होना चाहिए इससे पार्टी की छवि पर असर पड़ता है और साथ में यह भी कहा धन से टिकट मिलना सुना नहीं है ज्यादातर मामलों में अफवाह है पार्टी योग्यता के आधार पर सर्वे के आधार पर गुण दोष के आधार पर टिकट देती है और फिर प्रत्याशी तय होते हैं और चुनाव लड़ा चाहता है। नगर पालिक निगम सभापति प्रमोद दुबे रायपुर जिले की 4 विधानसभा सीटों में से दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव की लड़ाई के लिए तैयारी कर रहे हैं पार्टी का निर्देश मिलते ही है दावा पेश करेंगे और चुनाव लड़ा जाएगा वैसे कांग्रेस से इस विधानसभा क्षेत्र से महापौर एजाज ढेबर और कन्हैया अग्रवाल ने भी मैदान में आने का निश्चय किया है अब पार्टी नेतृत्व तय करेगा कि किसी प्रत्याशी बनाती है विपक्ष में तो कई सारे लोग हैं जो चुनाव में आने की तैयारी कर रहे हैं वर्तमान विधायक बृजमोहन अग्रवाल की तो तैयारी है ऐसे में यह चुनाव दिलचस्प हो जाएगा।

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में दावेदारी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा स्वार्थ के लिए पार्टी छोड़ना गलत

श्री प्रमोद दुबे कहते हैं कि जीवन में कई चुनाव लड़ा और और हर बार हर चुनाव में किसी भी है कई पदों में रहने के बाद अब एक महत्वपूर्ण पद में आने की इच्छा है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिले और लोगों की सेवा कर सकूं शायद यह अवसर आएगा पूरी ईमानदारी से मेहनत कर रहा हूं लोगों का विश्वास भी मिल रहा है समर्थन भी मिल रहा है इस बार विधायक चुनाव के लिए भी लोगों का विश्वास बना हुआ है। कहते हैं कि ऐसे राजनेता गलत है जो स्वार्थ के लिए पार्टी को छोड़ देते हैं इससे पार्टी की छवि पर नुकसान होता है फर्क पड़ता है पार्टी नहीं योग्यता के अनुसार पर अवसर दिया है और आप पद में रह चुके हैं तो ऐसे राजनेताओं को अपना चरित्र नहीं बदलना चाहिए पार्टी की बदनामी होती है योग्यता बनाए रखना चाहिए विश्वास बनाए रखना चाहिए इससे पार्टी का अस्तित्व बना रहता है।

प्रमोद दुबे ने और कार्यकाल के दौरान शहर को कई दिशा दी और कई महत्वपूर्ण कार्य किए जिसे आज भी याद किया जाता है तेलीबांधा तालाब कटोरा तालाब का उन्नयन अंतर राज्य बस टर्मिनल का निर्माण आईईटी एनएस 900 कैमरे शहर में लगवाए ताकि सुरक्षा बढ़ाई जा सके वे कहते हैं कि गार्डन में ओपन जिम लाकर नई दिशा दी है अब लोगों को अपनी सेहत के साथ उद्यानों की सुरक्षा पर भी बात करनी चाहिए और ध्यान देना चाहिए केवल जनप्रतिनिधि पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

महापौर कार्यकाल के दौरान उल्लेखनीय कार्य कार्य करने करने से व्यक्तित्व निखरता है।

5 डिसमिल 24 वर्ग फीट रजिस्ट्री महत्वपूर्ण निर्णय

उनका कहना था कि किसी भी जनप्रतिनिधि के कार्य करने से उसका व्यक्तित्व निखरता है चुनौतियां तो जीवन भर बनी रहती हैं और जो जनप्रतिनिधि चुनौतियों को स्वीकारते हुए अपना व्यक्तित्व निखरता है वही वास्तविक राजनेता और जनप्रतिनिधि है इसलिए हमेशा व्यक्तित्व सुधारने पर काम करना चाहिए अच्छा आचरण वाला होना चाहिए लोगों के प्रति विश्वास बनाने वाला होना चाहिए टोपा जाने वाला जनप्रतिनिधि नहीं होना चाहि

2023 फिर सरकार बनेगी

छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार ने अस्तित्व में आते ही भाजपा के द्वारा बंद किए गए 5 डिसमिल 24 वर्ग फीट जमीन पर रजिस्ट्री को पुनः शुरू करवाया इससे आम आदमी को मदद मिल पाई क्योंकि व्यक्ति अपनी जरूरतों के लिए संपत्ति रखता है ताकि शादी ब्याह में अवसर आने पर उसका उपयोग कर सकें छत्तीसगढ़ की सरकार ने रजिस्ट्री शुरू करवा कर ऐसे आम आदमी की मदद की स्वामी आत्मानंद स्कूल खोला गया शिक्षा के क्षेत्र में 69 विकास किया स्वास्थ्य के क्षेत्र में मेडिकल यूनिट प्रारंभ की गई है और निशुल्क दवाइयां दी जा रही है इलाज किया जा रहा है क्या महत्वपूर्ण कार्य है।

छत्तीसगढ़ में काफी बदलाव

पूरे आत्मविश्वास के साथ प्रमोद दुबे कहते हैं की फिर 2023 में सरकार बनेगी और इस बार 75 से अधिक सीटें आएंगी कई सारे बदलाव पार्टी की छवि में उत्तर उत्तर विधि की है इसलिए या भरोसा है कि फिर पार्टी को जनता का विश्वास मिलेगा ।

सभापति मानते हैं कि बदलाव प्रकृति का नियम है और यह नियम छत्तीसगढ़ में लागू है निरंतर बदलाव हो रहे हैं राज्य निखर रहा है और यही वजह है कि जेनेरिक दवाइयों से लेकर राज्य की सरकार ने स्कूल शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार सहित आम लोगों के दैनंदिनी कार्यों को मुख्यतः पर ध्यान दिया और काम कर रही है।

गृह लघु कुटीर उद्योग को मिले बढ़ावा

राज्य सरकार ने गृह लघु कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया है ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं ऐसे में अब शहरी क्षेत्रों में भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुटीर उद्योग के लिए मार्केट की उपलब्धता होनी चाहिए ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं आत्मनिर्भर हुई है शहरी क्षेत्र में भी महिलाएं इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं सरकार का भी यही प्रयास रहा है

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