छत्तीसगढ़

सहायक संचालक गिरफ्तार: 2 करोड़ का घोटाला कर चल रही थी फरार, पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा, जानें पूरा मामला

राजनांदगांव । 2 करोड़ का घोटाला कर फरार महिला अफसर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पिछले कई महीनों से वो फरार चल रही थी। दरअसल राजनांदगांव के मछली पालन विभाग के सहायक संचालक सुदेश कुमार साहू राजनांदगांव पुलिस में शिकायत दी थी, कि हितग्राही भुवन लाल द्वारा मछलीपालन विभाग राजनांदगांव को तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन राजनांदगांव गीतांजली गजभिये द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर योजना में प्राप्त राशि का दुरूपयोग करने संबंधी शिकायत दिया गया था।

शिकायत आवेदन की मछली पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच कार्यवाही की गई। जांच में श्रीमती गीतांजली गजभिये तत्कालीन सहायक संचालक मछलीपालन राजनांदगांव द्वारा विभागीय कार्य (केज कल्चर मछलीपालन) हेतु शासन से स्वीकृत राशि रू. 2.16.00.000 रूपये (दो करोड सोलह लाख रूपये) की स्वीकृति में हितग्राहियों के कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर प्रशासन को गुमराह कर स्वीकृति प्राप्त करते हुये विभाग को प्राप्त अनुदान राशि में अनियमितता एवं राशि का दुरूपयोग करना पाये जाने पर आरोपिया एवं सामग्री आपूर्तिकर्ता फर्मों के संचालकों के विरूद्ध अपराध धारा सदर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

शिकायत पर राजनांदगांव एसपी मोहित गर्ग के निर्देश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राहुल देव शर्मा तथा नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र नायक राजनादगांव के मार्गदर्शन एवं थाना प्रभारी निरीक्षक एमन साहू के नेतृत्व में थाना कोतवाली से आरोपिया की पतासाजी हेतु टीम गठित कर रवाना किया गया। गठित टीम द्वारा लगातार भिलाई, धमतरी, रायपुर, एवं बिलासपुर में कैम्प कर आरोपिया की पतासाजी किया जा रहा था। आरोपिया अपने निवास स्थान एवं कर्तव्य स्थल से घटना बाद फरार थी। सायबर तकनिकी की सहायता एवं मुखबीर की सूचना पर बिलासपुर में घेराबंदी कर आरोपी महिला अफसर गीतांजलि गजभिये को गिरफ्तार किया गया है। वो बख्तावर चाल तुलसीपुर वार्ड नं0 17 थाना कोतवाली जिला राजनांदगांव की रहने वाली है। प्रकरण के संबंध मे पूछताछ किया गया जो जुर्म स्वीकार करने पर आज दिनांक 27.07.2024 को सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश का पालन करते हुए उसके परिजनों के समक्ष विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर न्यायालय पेश किया गया जहाँ जेल वारन्ट प्राप्त होने पर जेल भेजा गया । प्रकरण विवेचना पर है, विवेचना के दौरान जो भी तथ्य पाया जायेगा आगे अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।

 

 

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