रायपुर। मिली जानकारी अनुसार एक अधिकारी राजीव कुमार जायसवाल को अपनी सुविधा के कारण अपना कार्यालय नहीं बदल रहे है जबकि किसी कर्मचारी पर ऐसे मामलों पर ये अधिकारी ही शीघ्र कार्यवाही करने मे पीछे नहीं हटते अब इससे लगता है की सरकार के नियम कानून केवल और केवल निचले क्रम के कर्मचारियों के लिए होते है। बड़े अधिकारियों के लिए नियम कानून कोई मायने नहीं रखते।कुछ महीने पहले सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश निकाल कर ट्रांसफर किए गए अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर भार मुक्त होने के लिए निर्देश दिया था। खाद्य विभाग के ट्रांसफर हुए निचले स्तर के अधिकारियों को फटाफट भारमुक्त कर दिया गया, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का हवाला देकर, वही खाद्य संचालनालय का अपर संचालक का ट्रांसफर संचालनालय से मंत्रालय हुए कई महीने बीत गए है इसके बावजूद संचालनालय छोड़ने का नाम नहीं ले रहे है। यही नहीं भार मुक्त होने के बाद भी कमरा नहीं छोड़ रहे है जिसके चलते मंत्रालय से ट्रांसफर हो कर आए अधिकारी को अन्य अधिकारियों के साथ कमरा शेयर करना पड़ रहा है।
संचालनालय सूत्रों का कहना है कि पूर्व खाद्य मंत्री मो.अकबर इस अपर संचालक को खाद्य संचालनालय से खाद्य आयोग भेजा था। उस समय भी इस अधिकारी द्वारा खाद्य आयोग के कर्मचारियों को खाद्य संचालनालय में बैठाकर संचालनालय के कामों में जबरन दखलंदाजी की जाती थी। उस समय संचालक खाद्य ने जबरन कमरा खाली करवाया था और नेम प्लेट हटवाई थी।राशन बचत घोटाले और एक वाहन चालन के द्वारा इनका नाम लिखकर आत्म हत्या कर लेने वाले फाइल को गायब किए जाने को लेकर ये अधिकारी विवादास्पद है।
सूत्रों ने भी बताया है कि इस अधिकारी द्वारा महिला अधिकारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।एक महिला अधिकारी लंबे अवकाश पर विरोध स्वरूप जा सी चुकी है। शासन को सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के पालन में इस अधिकारी को मंत्रालय में बैठने और संचालनालय का कमरा खाली कराने और नेम प्लेट हटाने हेतु सूचना प्रेषित की गई है।