छत्तीसगढ़रायपुर

पोस्टमार्टम में लापरवाही और घूसखोरी के आरोप के बाद BMO सस्पेंड

रायपुर। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रघुनाथपुर में दो मासूम बच्चों की मौत के बाद पोस्टमार्टम को लेकर लापरवाही और रुपये की मांग के गंभीर आरोप मामले में कलेक्टर श्री विलास भोसकर ने त्वरित और सख्त कार्रवाई की है। इस मामले की जांच में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई, जिसके चलते दो स्वास्थ्य अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है।

विगत दिनों ग्राम सिलसिला ढोढ़ा झरिया में एक हृदय विदारक घटना में मछली पालन के लिए बनाए गए गहरे और असुरक्षित गड्ढे में डूबने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। मृतक सूरज गिरी और जुगनू गिरी, दोनों पांच वर्षीय सगे चचेरे भाई थे। परिजनों ने आरोप लगाया कि रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्सक ने पोस्टमार्टम के लिए प्रति शव 10-10 हजार रुपये की मांग की। पैसे नहीं देने पर शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। सोमवार को जब ग्रामीणों ने दबाव बनाया और शिकायत की, तब जाकर पोस्टमार्टम किया गया।

मामले की जांच के पश्चात प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धौरपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राघवेंद्र चौबे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं रख सके और अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह रहे। उनका यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के विपरीत पाया गया। अतः उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, अम्बिकापुर निर्धारित किया गया है और वे सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे।

साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रघुनाथपुर में पदस्थ डॉ. अमन जायसवाल, अनुबंधित चिकित्सा अधिकारी, को भी लापरवाही का दोषी पाया गया है। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने भी अपने दायित्वों का निर्वहन समुचित रूप से नहीं किया और उनका आचरण भी सेवा नियमों के विरुद्ध था। फलस्वरूप उन्हें उनके दायित्वों से कार्यमुक्त कर दिया गया है और निर्देशित किया गया है कि वे तत्काल संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं रायपुर के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

मामले में कलेक्टर विलास भोसकर ने स्वयं रघुनाथपुर पीएचसी सेंटर का निरीक्षण किया, साथ ही पीड़ित परिजनों के घर जाकर मुलाकात की और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने पीड़ित परिजनों से चर्चा कर वास्तविक स्थिति की जानकारी ली। और तत्काल आपदा-प्रबंधन बीआरसी 6/4 के तहत 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की। कलेक्टर ने संवेदनशील मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करने की बात कही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button