खरोराछत्तीसगढ़रायपुर

मोजो मशरूम से निकल रही बदबू शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं

  • मोजो मशरूम से निकल रही बदबू शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं
  • पूर्व मे भी हो गयी है शिकायत अनेक विवादों से जुडा है नाम

खरोरा। मिली जानकारी अनुसार रायपुर जिले के खरोरा में पिछले दो वर्षों से कई प्रकार के विवादों में घिरा है फिर भी मोजो मशरूम ब्रांड न केवल आम जनता बल्कि शासन-प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। यह मशरूम प्लांट पिछले छह वर्षों से यहाँ संचालित हो रहा है। लेकिन इसकी बदबू से स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के लगभग 50 किलोमीटर के दायरे से गुजरने वाले राहगीर भी परेशान हैं। विधायक अनुज शर्मा के द्वारा भी इसकी दुर्गंध और ग्रामीणों की परेशानी का मामला विधानसभा में उठाया जा चुका है।

कुछ दिन पूर्व ही छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने भी इसका जोरदार विरोध किया था, लेकिन वह भी बेअसर साबित हुआ। यह बताना आवश्यक है कि पिछले वर्ष इस प्लांट के नज़दीक एक मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की घटना हुई थी। जिसमें आरोपी को बचाने के लिए लीपापोती करने की कोशिश की गई थी। मशरूम प्लांट से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को मनमाने तरीके से जहाँ-तहाँ फेंक दिया जाता है। जिससे आसपास के पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुँच रही है। इस पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्लांट के अंदर ‘तुगलकी शासन’ जैसी व्यवस्था देखी जा सकती है। जहाँ स्थानीय ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को नजरअंदाज़ कर केवल बाहरी (मुख्यतः उत्तर प्रदेश और बिहार के) प्रांतीय कर्मचारियों को प्रबंधन, सुपरवाइज़र और एकाउंटेंट जैसे बड़े पदों पर रखा गया है। वहीं, स्थानीय लोगों से मजदूरी कराई जाती है और उनका शोषण किया जाता है।

90 मजदूरों को रखा गया था बंधक
अभी दो दिन पहले समाचार पत्रों में यह मामला प्रमुखता से सामने आया कि वहाँ 90 मज़दूरों को बंधक बनाकर रखा गया था। जिसमें नाबालिग बच्चे, नाबालिग लड़कियाँ और महिलाएँ भी शामिल थीं। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या शासन-प्रशासन की नींद टूटेगी और इस पर कोई बड़ी कार्रवाई होगी? या हमेशा की तरह लीपापोती कर दी जाएगी? उपरोक्त विषय में कांग्रेस के बड़े नेता व कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरने की बात कर चुके हैं।

लोगों के द्वारा आवाज उठाने पर भी नहीं होती कोई कार्रवाई
यदि ग्रामीणों द्वारा आवाज़ उठाई जाती है, तो बाहर से तथाकथित गुर्गों को बुलाकर दबाव बनाया जाता है और कुछ छुटभैये नेताओं का समर्थन भी उन्हें प्राप्त होता है। अब देखना यह है कि क्या इस बार कोई ठोस कार्यवाही होगी? या फिर 90 बच्चों को बंधक बनाकर किए गए। शोषण जैसे बड़े कांड पर भी सब कुछ पहले की तरह ढका रहेगा? लोगों की माँग है कि यहाँ भी उत्तर प्रदेश जैसे प्रशासन की आवश्यकता है। जहाँ बुलडोज़र चलाकर ऐसे भ्रष्ट और अमानवीय ठिकानों पर सख्त कार्यवाही की जाती है। केवल तभी ग्रामीणों को न्याय और संतुष्टि मिल सकेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button