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बिजली बिल हाफ योजना को बंद करना जनता से धोखा- खिलेश देवांगन

बिजली बिल हाफ योजना को बंद करना जनता से धोखा- खिलेश देवांगन

आरंग। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया पैनलिस्ट एवं आरंग जनपद पंचायत के पूर्व खिलेश देवांगन ने कहा, छत्तीसगढ़ में बिजली की कीमतों में प्रति सरकार बिजली पर यूनिट 20 पैसे की की कीमतों बढ़ोतरी ने आम जनता, किसानों, मजदूरो मध्यवर्गी परिवारों की भी कमर तोड़ दी है। घरेलू उपभोक्ताओं, उद्योगों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से कृषि क्षेत्र को इस वृद्धि से सीधे प्रभावित किया है। राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता पर इससे गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया पैनलिस्ट एवं आरंग जनपद पंचायत के पूर्व खिलेश देवांगन
ने कहा, यह वृद्धि तब हुई है, जब छत्तीसगढ़ कोयला और पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। हम न केवल अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करते हैं, बल्कि इन संसाधनों की आपूर्ति दूसरे राज्यों को भी करते हैं।

देवांगन के मुताबिक महंगे बिजली बिल से ध्यान भटकने के लिए मुफ्त बिजली का झूठा दावा है, पीएम सूर्य घर योजना के तहत हर घर मुफ्त बिजली का दावा झूठा है। घरों में सौर पैनल लगाकर बिजली बनाने की योजना के लिए सरकार ने जो बजट प्रावधान रखा है, उससे 5 प्रतिशत लोगों के घरों में भी सोलर पैनल नहीं लग पाएंगे। चार बार बिजली दर बढ़ाने और 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना खत्म करने के बाद ध्यान भटकाने सरकार सोलर पैनल सब्सिडी का फर्जी दावा कर रही है। कांग्रेस पैनलिस्ट के मुताबिक आमतौर पर थ्री फेस कनेक्शन में न्यूनतम लोड 5 किलोवॉट होता है। ऐसे में बिजली की मूल्य वृद्धि का कोई ठोस कारण नहीं दिखता, महंगाई के इस दौर में आम जनता आर्थिक बोझ से परेशान है। उन्होंने कहा, प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा ‘बिजली बिल हाफ योजना’ को बंद करने से जनता पर आर्थिक बोझ की दोहरी मार पड़ी है।

आम उपभोक्ताओं और उद्योगों पर प्रभाव

देवांगन ने आगे कहा कि बिजली दरों में लगातार हो रही वृद्धि ने घरेलू बजट को बुरी तरह प्रभावित किया है और छोटे व्यवसायों की लागत कई गुना बढ़ गई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है। अप्रत्याशित वृद्धि से आम नागरिकों में भारी असंतोष है, क्योंकि उनके दैनिक जीवन की लागत लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए बड़े पैमाने पर बिजली पर निर्भर हैं। बिजली की बढ़ती कीमतें सीधे तौर पर उनकी उत्पादन लागत में वृद्धि कर रही है।

ये हैं प्रमुख मांगें उन्होंने कहा, सरकार बढ़ी हुई

बिजली दरों को तुरंत वापस ले। किसानों के लिए कृषि पंपों पर विशेष सब्सिडी या रियायती बिजली दर लागू करे। किसानों के लिए कृषि पंपों पर विशेष सब्सिडी या रियायती बिजली दर लागू करे। राज्य में बिजली उत्पादन और वितरण प्रणाली में सुधार किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी वृद्धि को रोका जा सके।

 

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