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बेटी को स्कूटी दिलाने 40 हजार रुपए के सिक्के लेकर पहुंचा किसान, 3 घंटे तक चली सिक्कों की गिनती

बेटी को स्कूटी दिलाने 40 हजार रुपए के सिक्के लेकर पहुंचा किसान, 3 घंटे तक चली सिक्कों की गिनती

जशपुर। कभी-कभी सपनों को हकीकत में बदलने के लिए बस हिम्मत, लगन और सच्चे इरादों की जरूरत होती है। ऐसा ही प्रेरणादायी उदाहरण जशपुर जिले में देखने को मिला, जहाँ एक किसान परिवार ने मेहनत और उम्मीद के बल पर अपने सपने को साकार कर दिखाया। ग्राम केसरा निवासी बजरंग राम भगत, जो पेशे से किसान हैं, अपनी बेटी चंपा भगत को एक होंडा एक्टिवा दिलाने का सपना देख रहे थे। सीमित आय के बावजूद उन्होंने ठान लिया कि बेटी की खुशी के आगे कोई कमी आड़े नहीं आएगी। बजरंग राम ने पिछले छह महीनों तक रोज़मर्रा की बचत से 40,000 तक के सिक्के जोड़ते रहे और तिनका-तिनका जोड़कर उन्होंने अपने सपने की नींव रखी।

बीते दिन वे अपनी पत्नी और बेटी के साथ उन सिक्कों से भरे बोरे लेकर शोरूम पहुंचे। उनकी सादगी और उत्साह ने वहाँ मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया। जब इस बात की जानकारी शोरूम के डायरेक्टर आनंद गुप्ता को हुई, तो उन्होंने न केवल किसान परिवार का आदरपूर्वक स्वागत किया बल्कि स्टाफ को उन सिक्कों की गिनती में लगाया। पूरी टीम ने उत्साह और सम्मान के साथ किसान की मेहनत की कद्र की। सभी सिक्कों की गिनती के बाद, जब बजरंग राम को उनकी नई होंडा एक्टिवा की चाबियाँ सौंपी गईं, तो बेटी चंपा भगत के चेहरे पर खुशी और गर्व का अनमोल मिश्रण झलक उठा। यह क्षण पूरे परिवार के लिए अविस्मरणीय बन गया। इसी दौरान, शोरूम में चल रहे Scratch & Win ऑफर के तहत किसान परिवार को मिक्सर ग्राइंडर उपहारस्वरूप भेंट किया गया जिससे उनकी खुशी दोगुनी हो गई।

शोरूम के संचालक आनंद गुप्ता ने इस अवसर पर कहा, “होंडा परिवार के लिए यह गर्व का क्षण है कि हमें एक किसान परिवार के सपने को साकार करने में योगदान देने का अवसर मिला। यह घटना बताती है कि सच्ची मेहनत और ईमानदार कोशिश के आगे कोई बाधा बड़ी नहीं होती। यह कहानी न सिर्फ एक किसान की जिद्द और बेटी के प्रति उसके स्नेह की मिसाल है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि अगर नीयत सच्ची हो तो छोटे-छोटे सिक्के भी बड़े सपनों को खरीद सकते हैं।

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