छत्तीसगढ़बिलासपुर

शिक्षक ने पाइप से बच्चों को पीटा, शरीर में पड़े निशान पालकों ने स्कूल का किया घेराव…

बिलासपुर। तखतपुर के विज्डम द ग्लोबल स्कूल में खेल शिक्षक द्वारा मासूम बच्चों के साथ कथित रूप से शारीरिक हिंसा की घटना सामने आई है। बच्चों ने घर पहुंचने पर अपनी पीठ, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान दिखाई, जिससे परिजन और समाज में गहरा आक्रोश फैल गया। यह मामला तखतपुर थाना क्षेत्र का है। घटना की जानकारी छात्र आयाश अग्रवाल के अभिभावक अनिल अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे के साथ शिक्षक ने पाइप से कई दिनों तक मारपीट की। बच्चों को डर था, इसलिए उन्होंने यह बात किसी से साझा नहीं की। घर पर कपड़े बदलते समय दादी ने चोटों के निशान देखे, और बार-बार पूछने पर बच्चे ने रोते हुए बताया कि स्पोर्ट्स टीचर ने लगातार उन्हें मार रहे थे।

अभिभावकों ने तुरंत स्कूल पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में केवल मौखिक आश्वासन दिया कि आगे ऐसा नहीं होगा। प्रिंसिपल और डायरेक्टर ने कहा कि दोषी शिक्षक को हटाने पर विचार किया जाएगा, लेकिन अभिभावकों को इस संबंध में कोई लिखित दस्तावेज नहीं दिया गया। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने माफी मंगवाकर मामले को टालने की कोशिश की और कहा कि अब आप जो करना चाहो, कर लो, जिससे यह स्थिति स्कूल की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने जैसा प्रतीत होती है।

जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें मामले की जानकारी मिल चुकी है। उन्होंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को तत्काल संज्ञान लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। टांडे ने स्पष्ट किया कि बच्चों के साथ मारपीट करना न केवल अमानवीय है, बल्कि दंडनीय अपराध भी है। उन्होंने कहा कि वीडियो और फोटो की जांच के बाद दोषी शिक्षक और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगीविशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि न केवल शिक्षक बल्कि स्कूल प्रशासन भी बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा। बच्चों के अधिकार और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग को आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। इस घटना के बाद अभिभावकों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों के साथ हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल में किसी भी प्रकार की शारीरिक सजा या हिंसा की अनुमति नहीं होनी चाहिए और शिक्षा के दौरान बच्चों का संरक्षण सर्वोपरि होना चाहिए।

जिला शिक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि बच्चों के साथ हुई हिंसा पर नजर रखते हुए मामले की पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। यह घटना बच्चों की सुरक्षा, स्कूल की जिम्मेदारी और शिक्षा विभाग के निगरानी तंत्र में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है। बाल अधिकारों और सुरक्षा के लिए संबंधित अधिकारियों को तत्काल और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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