छत्तीसगढ़धमतरी

जंगल में मृत मिला तेंदुआ, चारों पंजे गायब, वन्यजीव तस्करी की आशंका…

धमतरी। जिले के मगरलोड वन परिक्षेत्र अंतर्गत कोरगांव के जंगल में सोमवार को एक तेंदुए का शव मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। तेंदुए के शव की स्थिति बेहद संदिग्ध बताई जा रही है, क्योंकि उसके चारों पैरों के पंजे गायब पाए गए हैं। इस घटना ने वन्यजीव अपराध की आशंका को और गहरा कर दिया है। सूचना मिलते ही वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर जांच शुरू की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मामला मगरलोड रेंज के उत्तर सिंगपुर कक्ष क्रमांक 23 का है, जहां 22 दिसंबर की शाम करीब 4:45 बजे स्थानीय चरवाहों ने जंगल में तेंदुए का शव देखा। इसके बाद तत्काल वन विभाग को सूचना दी गई।

मौके पर पहुंचे वन अमले ने शव को सुरक्षित कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अब रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि तेंदुए की मौत स्वाभाविक कारणों से हुई या फिर उसका शिकार किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए जंगल सफारी रायपुर से डॉग स्क्वायड की विशेष टीम को धमतरी बुलाया गया। डॉग स्क्वायड ने रात भर जंगल और आसपास के इलाकों में गश्त और निगरानी की। टीम ने संभावित रास्तों, पैरों के निशान और अन्य सुरागों की बारीकी से जांच की है। साथ ही संदिग्ध गतिविधियों को लेकर वन विभाग ने स्थानीय चरवाहों और ग्रामीणों से पूछताछ भी शुरू कर दी है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए के पंजे गायब होना एक गंभीर संकेत है, क्योंकि अक्सर वन्यजीव तस्करी के मामलों में पंजों और खाल की अवैध तस्करी की जाती है।

हालांकि, अधिकारी फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभाग यह भी जांच कर रहा है कि क्या तेंदुआ किसी बीमारी, आपसी संघर्ष या अन्य कारण से मरा और बाद में उसके अंग गायब हुए, या फिर सीधे तौर पर शिकार कर उसके पंजे काटे गए। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, पिछले कुछ समय से इस इलाके में तेंदुए की मौजूदगी देखी जा रही थी, जिससे मवेशियों पर हमले की भी आशंका बनी रहती थी। बावजूद इसके, तेंदुए की इस तरह संदिग्ध मौत ने लोगों को हैरान कर दिया है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाए और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।

वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह शिकार का मामला साबित होता है, तो यह वन्यजीव संरक्षण कानूनों का गंभीर उल्लंघन होगा। ऐसे मामलों में कठोर सजा का प्रावधान है। फिलहाल पूरा मामला जांच के अधीन है और वन विभाग की टीमें हर पहलू से पड़ताल कर रही हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुए की मौत के कारणों और आगे की कार्रवाई को लेकर स्थिति पूरी तरह साफ हो पाएगी।

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