गरियाबंदछत्तीसगढ़

प्रेमजाल में फंसाकर शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म, कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 20 साल कैद की सजा

प्रेमजाल में फंसाकर शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म, कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 20 साल कैद की सजा

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है। आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम करावास की सजा दी गई है।

नाबालिग पीडिता को प्रेमजाल में फंसाकर भगाने व शादी करने का लालच देकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी पोषराम ध्रुव पिता अर्जुनलाल ध्रुव 21 वर्ष निवासी-मुड़ागांव थाना-छुरा गरियाबंद को फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पॉक्सो एवं बलात्कार मामलें) के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया हैं।

इस संबंध में शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक हरि नारायण त्रिवेदी ने बताया कि पीड़िता के पिता ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसकी नाबालिग पुत्री उम्र 13 वर्ष 04 माह, जो 25 अगस्त 2024 को दोपहर घर में बिना किसी को बताये कहीं चली गई तथा आस-पास पता तलाशी के बाद भी नहीं मिलने पर किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उसकी नाबालिग पुत्री, पीड़िता को बहला फुसलाकर भगा ले जाने की शिकायत पर थाना फिंगेश्वर द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया।

अभियोजन की ओर से उक्त अपराध को प्रमाणित करने हेतु अपने पक्ष समर्थन में कुल 11 साक्षियों का कथन कराये जाने के पश्चात् अंतिम बहस में विशेष लोक अभियोजक हरि नारायण त्रिवेदी ने उक्त अपराध के लिए आरोपी को कठोर से कठोर दण्ड दिये जाने का आग्रह न्यायालय से किया। ताकि नाबालिग लड़कियों को भगाने व ऐसे अपराध की प्रवृति में कमी लाया जा सके।

फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा प्रकरण की गंभीरता, अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और गवाहों का परिशीलन करते हुए आरोपी द्वारा नाबालिग पीड़िता को प्रेम व शादी का झांसा देकर भगा ले जाने और उसके साथ लगातार जबरदस्ती दुष्कर्म का अपराध करना प्रमाणित पाये जाने पर आरोपी पोषराम ध्रुव को पॉक्सो एक्ट की धारा 06 एवं 4 (2) के तहत् 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपयें के अर्थदण्ड, भारतीय न्याय संहिता की धारा 137 (2) के तहत् 02वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये का अर्थदण्ड व धारा 87 के तहत् 02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया हैं।

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