छत्तीसगढ़ में योग-व्यायाम से स्वस्थ रहने और कुपोषण दूर भगाने का संदेश
रायपुर। गर्भवती और पांच साल तक के शिशुओं को कुपोषित होने से बचाने और किशोरियों, बालिकाओं को स्वस्थ रहने का संदेश देने के लिए योगासन सिखाया जा रहा है। साथ ही सही खानपान रखने, बीमारी से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पिछले लगभग एक माह से आंगनबाड़ियों में गर्भवती महिलाओं, धात्री माता, किशोरी बालिका और बच्चों को योग का महत्व समझाते हुए योगाभ्यास और व्यायाम पर जोर जा रहा है।
अभियान के दौरान योग प्रशिक्षकों ने बच्चों को प्राणायाम और ताड़ासन, कटिचक्रासन, वृक्षासन जैसे कई योगासन सिखा रहे हैं। इसके साथ ही स्कूलों में किशोरी बालिकाओं को योग से जोड़ते हुए स्वस्थ जीवन शैली का महत्व बताया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला परियोजना अधिकारी अशोक पांडेय ने बताया कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग के महत्व को देखते हुए इस वर्ष पोषण अभियान में योग को भी शामिल किया गया है। कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
कुपोषण से बचाने के लिए योग, ध्यान व आसन के साथ सही खानपान और उसके पाचन संबंधी जानकारियां दी गई हैं। महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल के साथ छोटी-मोटी बीमारियों से लड़ने के लिये आयुष पद्धति (घरेलु पद्धति) के बारे में समझाया जा रहा है।
कुशालपुर सेक्टर और डंगनिया के आंगनबाड़ी केंद्रों में योगासन सिखाया गया। पर्यवेक्षक यमुनेश पांडेय ने बताया कि मेहंदी प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता में बालिकाओं, बच्चों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। इसमें कार्यकर्ता रश्मि मांढरे, पाली कश्यप, हेमलता साहू, मालती चंद्राकर, त्रिवेणी साहू का सहयोग रहा।