प्रदेश में धाड़ीवाल समाज सेवा के प्रति समर्पित थे, उनके नाम पर रखा सड़क का नाम : मुख्यमंत्री बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को राजधानी के नेताजी सुभाष स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में रायपुर शहर के पंडित विद्याचरण शुक्ल चौक (ओसीएम) से कोतवाली चौक तक सड़क का नामकरण समाज सेवी और वरिष्ठ नेता स्वर्गीय इंदरचंद धाड़ीवाल के नाम पर किया। बघेल ने स्वर्गीय धाड़ीवाल के शहर के विकास के साथ ही सामाजिक और सार्वजनिक जीवन में दिए गए अमूल्य योगदान को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि धाड़ीवाल समाज सेवा के प्रति समर्पित थे।
उनकी यादें सुखद अनुभूति प्रदान करती हैं। धाड़ीवाल अपने काम को पूरे समर्पण, लगन और निष्ठा से करते थे। वे केवल राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं अपितु सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहते थे। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर के ओसीएम चौक से कोतवाली चौक तक मार्ग का नामकरण उनके नाम पर करके उनकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने का प्रयास किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने की।
कार्यक्रम में राज्य सभा सदस्य छाया वर्मा, वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और नगर पालिका निगम के सभापति प्रमोद दुबे, सरोजिनी इंदरचंद धाड़ीवाल, रमेश वर्ल्यानी, गजराज पगारिया, सतीश जैन और परिवार के अन्य सदस्य, पार्षदगण, एल्डरमैन और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
प्रदेश महात्मा गांधी के विचारों को अनुसरण करते ही आगे बढ़ रहा है। कोरोना काल ने भी हमें बता दिया है कि विकास में संतुलन कितना जरूरी है। कोरोना काल में भी यहां हर क्षेत्रों में रौनक बनी रही है। यह बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स के कार्यक्रम में गुरुवार को कहीं। उन्होंने वर्चुअल रूप से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संतुलित विकास की आवश्यकता के बारे में कहा।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र के साथ ही आटोमोबाइल सेक्टर में भी तेजी रही। बेरोजगारी दर लगातार नियंत्रित रही। इस समय भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर केवल 3.8 प्रतिशत है। यह राष्ट्रीय औसत 7.6 प्रतिशत से आधी है। जीएसटी कलेक्शन में भी पूरे देश में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का काम कोरोना संकट शुरु होने से बहुत पहले शुरु कर दिया था। अभी प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा गोठान बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 6000 से ज्यादा गोठानों का निर्माण पूरा गया है। इन गोठानों को रूरल इडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करके ग्रामीणों को उत्पादन और उद्यमिता के नये क्षेत्रों से जोड़ा जा रहा है।



