छत्तीसगढ़

बिजली का पोल तोड़ते दुकान में घुसी बस.. सड़क किनारे खड़ी बाइक को टक्कर मार हुई अनियंत्रित

छ्त्तीसगढ़: बीजापुर-जगदलपुर नेशनल हाईवे 163 में तेज रफ्तार यात्री बस अनियंत्रित होकर बिजली पोल को तोड़ते हुए एक दुकान में घुस गई। इस हादसे में बस के सामने का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। हालांकि, कोई हताहत नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि, बस में करीब 30 से 40 यात्री सवार थे। हादसे के बाद सभी को पीछे के इमरजेंसी गेट से बाहर निकाला गया। ड्राइवर पर जब लोगों का गुस्सा फूटा तो वह मौका देखकर जंगल की तरफ फरार हो गया। मामला बस्तर जिले के परपा थाना क्षेत्र का है।

बस में 40 से ज्यादा यात्री सवार थे।

बस में 40 से ज्यादा यात्री सवार थे।

जानकारी के मुताबिक, बीजापुर से निकली रात्रिकालीन यात्री बस जगदलपुर पहुंचने से पहले केशलूर के पास हादसे का शिकार हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि, रात करीब 12 बजे वे एक दुकान के सामने कुर्सी में बैठे थे। इसी दौरान गीदम की तरफ से तेज रफ्तार यात्री बस हॉर्न बजाते हुए उन्हीं की तरफ आई। देखते ही देखते पहले सड़क किनारे खड़ी 2 से 3 बाइक को टक्कर मारी, फिर बिजली के पोल से टकराते हुए एक डेलीनीड्स की दुकान में जा घुसी। हालांकि, उस समय दुकान में कोई भी मौजूद नहीं था। इसलिए कोई जन हानि नहीं हुई।

कांच के टुकड़े सड़क पर बिखर गए।

कांच के टुकड़े सड़क पर बिखर गए।

मौके पर मौजूद लोगों ने इस हादसे की जानकारी परपा थाना को दी। मौके पर पहुंचे जवानों ने लोगों की मदद से इमरजेंसी गेट को खुलवाया और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बस चालक तो मौके से फरार भाग निकला, लेकिनएक अतिरिक्त चालक और हेल्पर को पुलिस ने पकड़ लिया है। साथ ही यात्रियों को रात में ही दूसरी वाहन से जगदलपुर भेजा गया। लोगों का ड्राइवर के खिलाफ जमकर गुस्सा फूटा।

बाइक कोको टक्कर मारती हुई दुकान में घुसी थी बस।

बाइक कोको टक्कर मारती हुई दुकान में घुसी थी बस।

बेलगाम दौड़ रहीं यात्री बसें

दरअसल, बस्तर की सड़कों पर यात्री बसें बेलगाम दौड़ रहीं हैं। महज 15 दिन पहले आसना के पास ओवरटेक के चलते एक यात्री बस ने कार को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में एक जवान समेत 5 युवाओं की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद शाहरवसियों ने बेलगाम दौड़ती यात्री बसों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। वहीं शनिवार को भी भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जिला परिवहन अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर बसों की रफ्तार कम करने और नियमों का पालन करवाने की मांग की थी।

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