भारत में मिला मंकीपॉक्स का एक और मरीज, नाइजीरियन महिला संक्रमित
नई दिल्ली। देश की राजधानी में मंकीपॉक्स का एक और केस मिला है। राजधानी में नाइजीरिया की एक महिला संक्रमित पाई गई है। जिसे LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब तक देश में मंकीपॉक्स के 13 केस मिल चुके हैं।
WHO के मुताबिक, 1 जनवरी 2022 से 14 सितंबर तक दुनियाभर के 103 देशों में मंकीपॉक्स के मामले मिल चुके हैं। इतना ही नहीं अब तक 59,147 केस मिल चुके हैं। वहीं, इससे अब तक 22 लोगों की जान जा चुकी है।
कहां कितने केस?
मंकीपॉक्स से सबसे ज्यादा संक्रमित देशों की बात करें तो अमेरिका में 21,834, स्पेन में 6,947, ब्राजील में 6,129, फ्रांस में 3,833, यूके में 3,552, जर्मनी में 3,551, पेरू में 1964, कनाडा में 1321, कोलंबिया में 1260 केस, नीदरलैंड में 1,195 केस मिले हैं।
क्या है मंकीपॉक्स?
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, पहली बार ये बीमारी 1958 में सामने आई थी। तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण मिला था। इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है। इन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखे थे।
सीडीसी के मुताबिक, मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। ये वायरस उसी वैरियोला वायरस फैमिली का हिस्सा है, जिससे चेचक होता है। मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे ही होते हैं। बेहद कम मामलों में मंकीपॉक्स घातक साबित होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था। तब कॉन्गो के रहने वाले एक 9 महीने के बच्चे में ये संक्रमण मिला था। 1970 के बाद 11 अफ्रीकी देशों में इंसानों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के मामले सामने आए थे।