राज्यपाल महिला हैं, महिलाएं समझदार होती हैं – कवासी लखमा…
रायपुर। 4 दिन बाद भी आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर न होने पर मंत्री कवासी लखमा का बयान देते हुए कहा है कि, राज्यपाल महिला हैं, महिलाएं समझदार होती हैं, किसी का कितना भी दबाव आये, महिलाएं ठान लेती हैं तो वो जरूर करती हैं, ऐसी पहली महिला हैं जो 20 हजार से भी अधिक आदिवासियों से मिली हैं. मुझे पूरा उम्मीद हैं हस्ताक्षर पक्का करेंगी,राज्यपाल ने खुद आरक्षण पर सार्वजनिक लेटर लिखा था जरूर हस्ताक्षर करेंगी।
मंत्री कवासी लखमा का पलटवार
वहीं पूर्व मंत्री केदार कश्यप के बयान पर मंत्री कवासी लखमा ने पलटवार करते हुए कहा कि, मैं आदिवासी व्यक्ति हूं जो गरीब घर में पैदा हुआ, केदार कश्यप की तरह उनके पिता की वजह से राजनीति में नहीं आया, बीजेपी की सरकार के समय में 700 गांव खाली हुए, आदिवासी लोगों के साथ बलात्कार हुआ, 3 हजार स्कूल बंद हुए, उन्हे थोड़ा भी शर्म है तो वे राजनीति छोड़ दे,
नहीं तो बस्तर छोड़ दो, मैं भी छोड़ दूंगा
मैं अपनी बात पर कायम हूं मुझे इस्तीफा देने में कोई शर्म नहीं,अब तुम्हारी बारी है करके दिखाओ, नहीं तो बस्तर छोड़ दो, मैं भी छोड़ दूंगा ऐसे व्यक्ति को बस्तर के लोगों से माफी मांगनी चाहिए फिर कवासी लखमा से बात करे, बता दें कि, केदार कश्यप ने कवासी लखमा के इस्तीफे की मांग की थी.
राजभवन का उद्देश्य पवित्र हैं-अजय चंद्राकर
आरक्षण विधेयक पर मंत्री कवासी लखमा के बयान पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने बयान देते हुए कहा कि, राजभवन का उद्देश्य पवित्र हैं आगे चलकर कोई संकट न आये इसलिए इस मामले पर गम्भीरता दिखा रही, कांग्रेस का राजनीतिक उद्देश्य था चुनाव सामने था इसलिए आरक्षण लेकर आये, पवित्र अपवित्र उद्देश्य में अंतर होता हैं, सरकार से उम्मीद हैं कि उनकी सरकार रह गयी तो आगे गम्भीरता दिखाए