छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा मंत्री की दो टूक- नए फीस स्ट्रक्चर के साथ होगी नए सत्र की शुरुआत
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट शुरू होने के समय यानी पिछले साल मार्च से बंद पड़े स्कूल संकट समाप्त होने के बाद जब नए सत्र में खुलेंगे तो इसी समय से सभी निजी स्कूलों में फीस का नया स्ट्रक्चर लागू होगा। राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने हरिभूमि से बातचीत में कहा कि इस संबंध में राज्य के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया जा चुका है।
अब कलेक्टर की अध्यक्षता में बनने वाली समिति फीस का निर्धारण करेगी।
समिति में स्कूल प्रबंधन तथा पालकों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस संबंध में कानून बना दिया गया है। राज्य में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस लेने की शिकायतों को देखते हुए राज्य सरकार ने काफी पहले तय किया कि फीस तय करने के लिए नई व्यवस्था बनाई जाएगी।
सरकार ने इसकी रूपरेखा तय करने के लिए तीन मंत्रियों की उपसमिति का गठन भी किया। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कई महत्वूर्ण सिफारिशें की थीं, लेकिन इस मामले में कार्यवाही आगे बढ़ाने का समय आने के पहले ही राज्य में कोरोना संकट आ गया और मार्च से स्कूल बंद करा दिए गए, जो अब तक नहीं खुल सके हैं।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय को ग्रांट देना भूला शासन, तीन माह से वेतन के लाले समिति तय करेगी फीस स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस के मामले में अब शिकायतें पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी। प्रदेश में जब से नया शिक्षा सत्र लागू होगा, तभी से सभी निजी स्कूलों में फीस का नया स्ट्रक्चर लागू हो जाएगा। सभी स्कूलों में फीस तय करने के लिए समिति का गठन किया जाएगा।
इसमें जिला प्रशासन से कलेक्टर, स्कूल प्रबंधन तथा संबंधित स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पालक प्रतिनिधि के रूप में शामिल होंगे। ये सभी मिलकर देखेंगे कि स्कूल में किस प्रकार की व्यवस्था है, लैब कैसा है, लायब्रेरी कैसी है। पढ़ाई का स्तर, शिक्षकों की संख्या, बच्चों के आने-जाने के साधन आदि का सभी जिलों में जायजा लेकर फीस तय कर दी जाएगी। अब फीस को मिलेगी कानूनी मान्यता निजी स्कूलों की फीस अब समिति के माध्यम से तय होगी। ऐसा होने से स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस को कानूनी मान्यता मिल जाएगी।