छत्तीसगढ़

कवर्धा में महिला आयोग की अध्यक्ष ने कबीरधाम जिले के 9 प्रकरण में 8 प्रकरण को सुलझाया

कवर्धा। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की विशेष उपस्थिति में आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कबीरधाम जिले से प्राप्त आवेदनों पर जन सुनवाई की गई।

इस जन सुनवाई में 8 प्रकरणों का नस्तीबद्ध किया गया और 1 प्रकरण को आयोग में सुनवाई के लिए कबीरधाम से प्रेषित किया गया। इस अवसर पर पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर, कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ कुमार सिन्हा, श्री नीलकंठ चंद्रवंशी, बोड़ला नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सावित्री साहू, श्री मुकंद माधव कश्यप, श्री राजेश शुक्ला, श्रीमती गंगोत्री योगी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी, आवेदक गण और मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

आयोग द्वारा आयोजित सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और पंडरिया विधायक तथा आयोग के अधिकारी मीडिया से रूबरू हुए। डॉ. नायक ने बताया कि आज उनके कार्यकाल का 6 माह पूरे हो रहे है। 21 जुलाई को उन्होंने आयोग के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उस दौर में हम सब वैश्विक महामारी, कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहें थे।

कार्यकाल के इस 6 माह के अवधि में 1 माह लॉकडाउन में ही बीत गया। इसके बावजूद भी कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोग ने अपनी सुनवाई किया। उन्होंने बताया कि पदभार संभालते ही आयोग ने विभिन्न प्रकार के प्रकरणों के 582 मामले लंबित थे। उन्होंने बताया कि आयोग ने लंबित प्रकरणों की सुनवाई, रजामंदी के लिए राज्य के सभी जिलों में पहुंचकर सुनवाई की जा रही है। अब तक 1072 मामले की सुनवाई की गई है और 300 प्रकरणों को नस्तीबद्ध कर लिया गया है। आयोग की इस त्वरित कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने तारिफ की है।

राज्य महिला आयोग के द्वारा इस सिमित अवधि में सर्वाधिक सुनवाई करने तथा परिवारों को एकजुटता और एक करने जैसे न्यायायिक व्यवस्था बनाने पर आगामी 31 जनवरी को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने ने देश के अन्य राज्यों के महिला आयोग की तुलना में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग सर्वाधिक सुनवाई करने वाला आयोग बन गया है। आयोग के इस त्वरित और पारदर्शितापूर्ण कार्यवाही से महिलाओं में जागृति और जागरूकता भी आई है। इसी का परिणाम है कि आज आयोग को प्रतिमाह 100 से अधिक आवेदन प्राप्त हो रहे है।

डॉ. नायक ने बताया कि आयोग में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद जैसे कई प्रकरणों की सुनवाई की जाती है, इनमें अधिकांश मामले पारिवारिक विवाद के होते हैं, लेकिन थाने में लंबित मामलों की सुनवाई आयोग में नहीं हो सकती।

पुलिस द्वारा यदि मामलों पर कार्यवाही नहीं की जाती, तब ऐसी स्थिति में महिला आयोग मामले का संज्ञान ले सकती है।

आज प्रस्तुत एक प्रकरण में आयोग के समक्ष उल्लेखनीय प्रकरणों में आवेदिका के द्वारा शिकायत किया गया था कि, उसके पति एवं ससुरालों के द्वारा लागातार दहेज प्रताड़ना की जा रही है। जिसे आयोग के द्वारा संज्ञान में लिया गया। आयोग के निर्देशानुसार प्रकरण गंभीर प्रवृति का था, जिस पर न्यायालीन कार्यवाही आवश्यक था। इसके लिए निर्देश दिया गया और प्रकरण नस्तीबद्व किया गया।

इसी तरह आयोग के समक्ष उल्लेखनीय प्रकरणों में आवेदिका के द्वारा शिकायत किया गया था कि, उसके प्राचार्य के द्वारा लगातार महिला होने के कारण अश्लील बातें एवं छिटाकसी की जाती है, जिसे संज्ञान में लिया गया और प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण को रायपुर नियमित सुनवाई में रखे जाने के लिए निर्देशित किया गया। इसी तरह आयोग के समक्ष उल्लेखनीय प्रकरणों में आवेदिका के पिता के द्वारा शिकायत किया गया कि, उसके गांव के एक युवक के द्वारा अपहरण कर लिया गया है, जिसे आयोग के द्वारा संज्ञान में लिया जा कर शिकायत का अवलोकन किया गया तथा प्रकरण में यह पाया गया कि, थाने में रिपोर्ट हो चुकी है तथा प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसी परिस्थिति में उक्त शिकायत का निराकरण न्यायालय द्वारा किया जाना उचित है। इसी तरह इस प्रकरण प्रकरण को भी नस्तीबद्व किया गया।

आज के एक अन्य प्रकरण में आयोग के समक्ष उल्लेखनीय प्रकरणों में आवेदिका के द्वारा शिकायत किया गया था कि, उसकी सास-ससुर एवं देवर के द्वारा दहेज प्रताडता, मारपीट कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित किया जाता है। आवेदिका शिकायतकर्ता को अपने पति से कोई शिकायत नहीं है।

शिकायतकर्ता ने यह भी निवेदन किया कि, उसके ससुरालवालों को समझाईश दिया जाए, आयोग के द्वारा उभयपक्षों को समझाईश देकर राजीनामा का भरसक प्रयास किया गया, जिस पर उभयपक्षों में आपसी राय से शिकायत का निराकरण संपत्ति से संबंधित दिवानी मामला दायर कर निराकृत किये जाने की बात कहीं। इसी तरह आयोग के समक्ष उल्लेखनीय प्रकरणों में आवेदिका के द्वारा शिकायत किया गया था कि, उसे प्लाट, संपत्ति खरीदी को लेकर उसके पैसे हड़प लिये गये है और उसके प्लाट को किसी अन्य को विक्रय कर धोखाधड़ी किया गया है। आयोग के द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लिया जा कर अवलोकन किया गया, जिसमें यह पाया कि, उक्त शिकायत, विवाद संपत्ति विवाद से संबंधित है। आवेदिका शिकायतकर्ता को सक्षम न्यायालय में निराकरण किये जाने का परामर्श दिया जाकर निराकृत किया गया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के द्वारा शिकायत किया गया था कि, उसके पति के द्वारा शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा है। शिकायत का अवलोकन किया गया। आवेदिका शिकायतकर्ता की शिकायत गंभीर प्रकृति होने से संपूर्ण प्रकरण न्यायालय से निराकृत किया जाना आवश्यक पाया गया, जिससे प्रकरण नस्तीबद्व किया गया।

इस तरह आयोग के समक्ष उल्लेखनीय प्रकरणों में आवेदिका के द्वारा शिकायत किया गया था कि, उसे शादी का झांसा देकर अनावेदक के द्वारा लागातार उसका दैहिक शोषण किया गया है। प्रकरण लगभग देढ़ वर्ष पूर्व होने से तथा अपराध गंभीर प्रवृति का पाया गया जिससे शिकायत सक्षम न्यायालय से निराकृत किया जाना आवश्यक पाया गया। जिससे प्रकरण नस्तीबद्व किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button