छत्तीसगढ़

अखिल भारतीय सतमाम सेना स्थापना दिवस बिलासपुर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

बिलासपुर। अखिल भारतीय सतनाम सेना का स्थापना दिवस 10 फरवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। परम पूज्य गुरु घासीदास बाबाजी के द्वितीम सुपुत्र शूरवीर महान प्रतापी राजा गुरु बालाकदास बाबाजी का अवतरण 1800 ई.पूर्व में हुआ था।

जो कि बाल्य अवस्था से ही साहसी, कुशाग्रबुद्धि, निर्भिक, क्रांतिकारी थे।  जो कि अपने पिता जी गुरुघासीदास बाबा जी मार्ग में चल कर सत अहिंसा, भाईचारा, प्रेम, सतभावना का संदेश दिए।

पुरा मानव समाज जो छूआ-छुत, भेद-भाव, रुढ़िवादी में फसे हुए थे। जिस पाखण्डो को दूर भगाने के लिए गुरुघासीदास बाबाजी ने एक नारा दिया।

,मनखे-मनखे एक समान, इन्हीं विचार धारा में चलकर गुरु बालकदास बाबाजी ने सभी कुरितियों के खिलाफ अपने आवाज को बुलंद किया और मानव समाज के सर्वांगीण विकास के लिए नीति रिती व्यवस्था बनाने का कार्य किया और एक शब्द कहा ,,रोटी कपड़ा और मकान,, ये सभी सतलोक समान,, का बात बताते हुए।

ग्राम प्रमुख के रुप में भण्डारी, साटीदार , अठगवा महंत, सेक्टर महंत, तहसील महंत, जिला महंत, राज महंत पदाधिकारी बना कर समाज को एकीकरण करने के लिए गुरु बालकदास बाबाजी ने 1800 ई. पूर्व में सतनाम सेना नामक संगठन तैयार कर विधान बनाया गया।

जिसमें धार्मिक,सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, शैक्षणिक, संस्कृति आदि पर विशेष जोर दिया गया। कुछ समय राजतंत्र चल रहे थे।

भारत देश पूर्ण रूप से अंग्रेजों के हाथों में जकडे़ हुए थे। ऐसे में विषम परिस्थितियों में समाज को एकीकरण किया गया। जिसके  कुशल कार्यों को देखकर अंग्रेज सरकार ने गुरु बालक दास बाबा जी को राजकीय, वेशभूषा तथा आत्मरक्षा के लिए अस्त्र-शस्त्र, तलवार तबल, पर्छी-भाला, हाथी-घोड़ा और देश-विदेश जाने के लिए सम्मान कर राजा की उपाधि दिया गया।

गुरु बालकदास बाबा जी ने अपने प्रतिष्ठा का निर्वहन करते हुए। पूरे भारतवर्ष में गांव-गांव, शहर-शहर, नगर-नगर “रौटी” भ्रमण कर समाज के सुदृढ़ व्यवस्था बनाने का काम किया गया।

इन्हीं को यादगार में आज वर्तमान में समय में छठवीं पीढ़ी समाज के आदेशक, निर्देशक, प्रेरणा स्रोत, धर्मरक्षक, धर्मगुरु राजा गुरु बालकदास साहेब गुरुद्वारा गुरुगद्दीनशीन  भंडारपुरीधाम व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय सतनाम सेना जो गुरु बालकदास द्वारा निर्माण किया गया।

सतनाम सेना को संचालित कर रहे हैं।

जिससे गुरु बालकदास साहेब ने अपने पूरे परिवार सहित अपने पुरखों के सम्मान को बनाए रखने के लिए समाज के ऊपर हो रहे अन्याय, अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाकर तत्पर न्याय दिलाने कार्य करते आ रहे हैं।

उसी यादगार को साजा करते हुए। आज 10 फरवरी को न्यायधानी जिला बिलासपुर में सतनाम सेना स्थापना दिवस पूरे परिवार सहित पहुंचकर गुरु दर्शन व आशीष वचन देकर मानव जीवन को कृतार्थ किये।

गुरु माता प्रवीण माता इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय सतनाम सेना,  धर्मगुरु ढालदास साहेब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय सतनाम सेना, धर्मगरु सोमेश बाबा अध्यात्मिक शक्ति के संस्थापक विराजमान रहे।

अतः भारतीय सतनाम सेना में जुड़कर समाज को सेवा करने का अवसर प्रदान करें।

ऐसे पूनित कार्यक्रम में आकर अपने जीवन को कृतज्ञ किये। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय सतनाम सेना के पदाधिकारी धर्मगुरु युवराज गुरु खुशवंत साहेब प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय सतनाम सेना छत्तीसगढ़, धर्मगुरु युवराज गुरु सौरभ साहेब जी प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ अखिल भारतीय सतनाम सेना, राष्ट्रीय महासचिव दिवाकर सतनामी राजमहंत, प्रदेश महासचिव सुखचंव सतनामी, प्रदेश कोषाध्यक्ष  साहूकार सतनामी, समस्त राजमहंत, मेलाराम सतनामी, ठाकुर प्रसाद जोशी, संतदास दिवाकर, किर्तन लाल भरद्वाज, कलाराम कुर्रे, संतनदास सतनामी, जिला महंत अमरनाथ बंजारा, सरजू सतनामी राजमहंत, समस्त जिलाध्यक्ष बिलासपुर, कोरबा, रायपुर, कवर्धा, मुंगेलीं, बेमेतरा, दुर्ग आदि उपस्थित थे।

उक्त जानकारी बादल भरद्वाज प्रदेश मिडिया प्रभारी अखिल भारतीय सतनाम सेना छत्तीसगढ़ द्वारा दी गई।

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