छत्तीसगढ़

कसडोल में गुपचुप तरीके से दान के रकम की गिनती पर जनपद सदस्य ने जताया आपत्ति

बलौदाबाजार। कसडोल जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत अंचल का प्रसिद्ध मेला मातागढ़ तुरतुरिया में दान पर चढ़े रकम की गिनती कसडोल जनपद पंचायत में रविवार को गुपचुप तरीके से किया जा रहा था।

जिसकी सूचना मिलते ही कसडोल जनपद पंचायत सदस्य सिद्धान्त मिश्रा तत्काल जनपद पंचायत कसडोल पहुंचे और गिनती पर आपत्ति दर्ज कराई जिसके बाद दान की रकम को वापिस दान पेटी में डालकर गिनती बंद कर दिया गया।

दरअसल कसडोल जनपद पंचायत के द्वारा प्रत्येक वर्ष पौष पूर्णिमा के दिन मातागढ़ में विशाल मेले का आयोजन होता है जहां छत्तीसगढ़ के कोने कोने से श्रद्धालु मेला में दर्शन लाभ लेने पहुंचते है और इस दौरान श्रद्धालुओं के द्वारा लाखों रुपयों का दान किया जाता है।

कसडोल जनपद पंचायत के अंतर्गत मातागढ़ तुरतुरिया का मंदिर जहां मान्यताओं के अनुसार माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था और पहाड़ में मातागढ़ तुरतुरिया सन्तानदात्री के रूप में विराजमान है।

प्रत्येक वर्ष मातागढ़ तुरतुरिया में पौष पूर्णिमा के तीन दिवसीय विशाल मेला लगता है। इस मेला में छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को लेकर पहुंचते है। इस दौरान श्रद्धालुओं के द्वारा मंदिर में आस्था स्वरूप लाखों रुपयों का दान नगद और सोने चांदी के रूप में किया जाता है।

हर वर्ष श्रद्धालुओं के द्वारा लाखों रुपयों का दान दिया जाता है, लेकिन इस दान का उपयोग जनपद पंचायत कसडोल के द्वारा कब-कब और कहां-कहां, कितना-कितना खर्च किया गया इसकी जानकारी अबतक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

कसडोल जनपद पंचायत सदस्य सिद्धान्त मिश्रा ने आरोप लगाया कि मंदिर में चढ़े दान का उपयोग मंदिर के लिए नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं दान पेटी को मंदिर से लाने और दान पेटी को खोलने के समय पंचनामा नहीं कराया गया था।

कसडोल जनपद पंचायत सीईओ के द्वारा दान के रकम की गिनती करने के लिए कर्मचारियों को निर्देशित किया गया था और कसडोल जनपद अध्यक्ष गौरीदेवी सिंह और उपाध्यक्ष के अलावा कुछ जनपद सदस्यों को इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन गिनती के वक़्त कोई भी मौजूद नहीं था। बहरहाल बीडीसी सिद्धान्त मिश्रा के आपत्ति के बाद दान के पैसों की गिनती रोक दी गई है।

इनका कहना है:-

“मुझे दान की राशि गिनती होने की जानकारी मिलने के बाद आपत्ति दर्ज कराया गया है, जनप्रतिनिधि जनता की आंख होती है, जो पैसे दान में मिलते है, उसका सही उपयोग होना चाहिए।

साथ ही जब दान पेटी को मातागढ़ तुरतुरिया से लेकर आते है, तब सील लगा होना चाहिए और जब जनपद परिसर पर गिनती होती है तो जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में पैसों को गिनना चाहिए। लेकिन नियमतः नही गिना गया। मैं सामान्य प्रशासन की बैठक में मुद्दे को रखूंगा। साथ ही मैं चाहता हूं कि इस मामले में नियम बने और उसके हिसाब से कार्य हो।”

सिद्धान्त मिश्रा
जनपद सदस्य

“कल दान की राशि का गिनती किया जा रहा था, आपत्ति आने के उपरांत गिनती को रोक दिया गया है, अब सभी जनप्रतिनिधियों के समक्ष दान की राशि को गिना जाएगा।”

बसन्त कुमार चौबे
सीईओ, जनपद पंचायत कसडोल

“जनपद सीईओ के आदेश पर हमारें द्वारा दान की राशि की गिनती की जा रही थी, जब हम पेटी मिला तो कोई पंचनामा नही था, अभी तक जानकारी के अनुसार दान की राशि का उपयोग मंदिर में किया जाता है, रही बात जनप्रतिनिधियों को सूचना की तो अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित कई जनप्रतिनिधियों को मौखिक सूचना दी गईं थी।”

पुष्पेंद्र ध्रुव
विकास विस्तार अधिकारी,
जनपद पंचायत कसडोल

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