छत्तीसगढ़

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को समर्थन रहेगा जारी: जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकार

महासमुंद। केंद्र सरकार द्वारा लाये गये 3 काला कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुये जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकार, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी महासमुंद के अध्यक्ष ढेलु राम निषाद, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष खिलावन बघेल, छलप-पटेवा ब्लॉक अध्यक्ष खिलावन साहू एवं ने संयुक्त रूप से बयान देते हुए कहा कि देश के विभिन्न प्रदेशों से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों द्वारा तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा जो अपना विरोध प्रदर्शन कर रहा है वह जायज है।

 

केंद्र की पूरी सरकार को उनकी बातों पर विचार कर इन 3 कृषि कानून को वापस लेना चाहिए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि किसानों के समर्थन के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर सभी ब्लाकों में किसानों के द्वारा जो चक्का जाम किया गया।

उसमें भी कांग्रेसी जनों का प्रत्यक्ष रुप से समर्थन रहा अथवा प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से भी कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है।

 

इस संदर्भ में सभी ब्लॉकों में कांग्रेस के प्रभारियों के द्वारा पहुंचकर अपनी बात रखी जा रही है। डॉ रश्मि चंद्राकर कृषि बिल की खामियों को गिनाते हुए कहा कि इस काले कानून से कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों का भविष्य समाप्त हो जाएगी। इस काले कानून से अन्नदाता उद्योगपतियों एवं बड़े व्यापारियों के गुलाम हो जाएंगे। किसानों की कृषि भूमि उद्योगपतियों के पास गिरवी बंद कर रह जाएगी। किसान अपनी बातों को लेकर न्यायालय का दरवाजा भी नहीं खटखटा पाएगा।

उसकी आवाज पूंजी पतियों के सामने दबकर रह जाएगी और किसान केवल याचक बनकर रह जाएंगे। असीमित भंडारण से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाएगा एवं कालाबाजारी बढ़ेगी जिससे केवल किसान ही नहीं आम नागरिकों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा।

उद्योगपति एवं चंद बड़े व्यापारी उनकी मनमर्जी से मार्केट का संचालन करेंगे और इससे व्यापार में लूट खसोट बढ़ेगी जिससे मध्यम एवं छोटे तबके के लोगों की मुश्किलें बढ जाएगी। तीन कृषि कानून से मंडी व्यवस्था चरमरा जाएगी एवं कृषि मंडियों को बंद करना पड़ जाएगा।

कृषि मंडी के नहीं रहने से किसानों को अपने उत्थान के लिए दर-दर भटकना होगा और उससे भुगतान समय पर प्राप्त नहीं होगा या नहीं यह भी सुनिश्चित नहीं होगा।

किसान मोदी जी से न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसी भी तरीके से कानूनी रूप देने की मांग कर रहे हैं एवं एसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य से यदि नीचे में किसी संस्था या व्यापारी द्वारा खरीदी की जाएगी तो उसमें सुधार भी की मांग की जा रही है जो कि उचित है।

लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अपने तीनों काले कानूनों के माध्यम से किसान एवं किसान आंदोलन को कुचलना चाहती है, जो कि सरकार के द्वारा 26 जनवरी को लाल किले में अराजक तत्वों के द्वारा किया जा चुका है जिसकी हम भी निंदा करते हैं। इसकी आड़ में किसानों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है जो की निंदनीय है।

जिस प्रकार छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार, केंद्र सरकार के अनेकों अडंगे लगाने के पश्चात भी किसानों का 93 लाख मेट्रिक टन धान समय से पूर्व खरीदने में सफल हुई है एवं किसानों के धान का समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस की राशि 650 रुपये राजीव गांधी किसान न्याय योजना से दे रही है छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार धान का समर्थन मूल्य के अतिरिक्त राजीव गांधी किसान न्याय की राशि मिलाकर कुल 2500 में धान खरीदी कर रही है।

केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार से सीख लेकर देश के नेताओं के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करना चाहिए देश में सत्ता के खिलाफ अहिंसात्मक विरोध प्रदर्शन जो कि लोकतंत्र की खूबसूरती के लिए जरूरी है उसे विद्रोह का अमलीजामा पहनाकर तानाशाही का परिचय नहीं देना चाहिए।

अंत में जिला अध्यक्ष महोदय चंद्राकर एवं अध्यक्ष ने कहा कि किसानों की मांग यदि नहीं मानती है तो जिस प्रकार चरणबद्ध तरीके से काग्रेस पार्टी अपना समर्थन किसान मोर्चा को दे रही है आगे भी यह समर्थन जारी रखेगा। पार्टी किसानों के साथ खड़ी है, उनके समर्थन में सभा भी आयोजित किया जाएगा वह किसानों के हित की लड़ाई जारी रखी जाएगी।

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