छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपये का घोटाला
रायपुर। राजनांदगांव शिक्षा विभाग से एक बार फिर करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है. राजनांदगांव जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. हाल ही में डीईओ ने मामले को दबाने के लिए कर्मचारियों के वेतन में ज्यादा रकम ट्रांसफर करा दिया. मामले का खुलासा होने के बाद लिपिक को निलंबित किया गया है. लिपिक संघ ने मोर्चा खोल दिया है.
दरअसल, राजनांदगांव में लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपये का घोटाला हुआ है. इसे लेकर शिक्षा विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है. शिक्षा विभाग में बर्तन खरीदी के दौरान 74 लाख रुपये का घोटाला हुआ है. इसके पहले कुर्सी खरीदी मामले में भ्रष्टाचार हुआ था. अब डीईओ ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाया है. घोटाले मामले में लिपिक संघ मोर्चा घोला दिया है.
ये है मामला
राजनांदगांव में शिक्षा विभाग में कार्यरत 21 अधिकारी और कर्मचारियों के खाते में महंगाई भत्ते की राशि ट्रांसफर की गई है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि 12 प्रतिशत की जगह 21 प्रतिशत वेतन भुगतान किया गया है. गोपनीयता भंग करने, कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, गंभीर वित्तिय अनियमितता का मामला है. मामले में हेमलता सिंह को शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में शिक्षा अधिकारी पर भी कार्रवाई की मांग की गई है.
बलि वेदी में कर्मचारी
क्रिष्टोफर पॉल ने बताया कि राजनांदगांव जिला शिक्षा अधिकारी ने जानबूझकर सुनियोजित ढंग से शासन को लाखों रुपये का चूना लगाया है. ये गंभीर प्रवृति का अपराध है. पॉल ने बताया शिकायत के बाद आनन-फानन में डीईओ ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों से नगदी वापस ले लिया. 8 मार्च को चालान बनाकर कोषालय में जमा करा दिया.
लिपिक संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
चैतरफा घिरे जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी गलती का ठिकरा संबंधित महिला लिपिक पर फोड़ दिया. उसे कार्य में घोर लापरवाही बरतने और गंभीर वित्तीय अनियमितता करने के कारण निलंबित कर दिया. अब लिपिक संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.