छत्तीसगढ़

तीन दिवसीय मेला का आयोजन कल से शुरू

  • रायपुर / बलौदासरर।गुरुदर्शन मेला गिरौदपुरी धाम कल से शुरू हो गया है। तीन दिवसीय मेला का आयोजन 20 मार्च तक होगा। गुरूदर्शन मेला में प्रदेश और देश-विदेश से लाखों की संख्या में सतनाम पंथ के अनुयायियों का समागम होता है। कोरोनावायरस का संकट अभी टला नहीं है। कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के लिए गिरौदपुरी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष और गुरू गद्दीनशीन विजय गुरू और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार द्वारा संयुक्त रूप से कोरोना के बचाव से शासन द्वारा जारी द्वारा जारीलाइन का पालन करने श्रद्धालुओं से अपील की है। जिला प्रशासन बलौदासरर-भाटापारा द्वारा गिरौदपुरी मेला में कोरोना सेे आरक्षण से संबंधित अपील जारी की.गुरूगद्दीनशीन विजय गुरू और मंत्री गुरू रूद्रकुमार द्वारा जारी संयुक्त अपील मे गया है कि गिरौदपुरी मेला बाबा गुरू गूसीदास के प्रति न केवल हमारी अस्त्र और प्रतीक है। बल्कि देशभर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र भी है। हर साल ही इस साल भी मेले का आयोजन 18 से 20 मार्च तक तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है। बाबा गुरू गूसीदास जी के आशीर्वाद से मेला का सफल आयोजन होगा। सतनाम पंथ के अनुयायियों और समाज के सभी श्रद्धालु भाइयों, बहनों, माताओं और बुजुर्गों से, अपील है कि हम सब पिछले एक साल से कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं। यह एक भयानक संक्रामक रोग है, जो हमारी जरा सी असावधानी, लापरवाही और कोरोना से बचाव के उपायों की अनदेखी से पुनः विकराल रूप ले सकता है। अतः शासन द्वारा जारी गाइडलाइन और दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए। से अपील है कि हम सब पिछले एक साल से कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं। यह एक भयानक संक्रामक रोग है, जो हमारी जरा सी असावधानी, लापरवाही और कोरोना से बचाव के उपायों की अनदेखी से पुनः विकराल रूप ले सकता है। अतः शासन द्वारा जारी गाइडलाइन और दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए। से अपील है कि हम सब पिछले एक साल से कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं। यह एक भयानक संक्रामक रोग है, जो हमारी जरा सी असावधानी, लापरवाही और कोरोना से बचाव के उपायों की अनदेखी से पुनः विकराल रूप ले सकता है। अतः शासन द्वारा जारी गाइडलाइन और दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।
    आपको बता दें कि मंत्रिरूद्रगुरू ने अपील में यह भी कहा कि आप मेला स्थल पर आएं, गुरू गद्दी का दर्शन करें, जेनखम को नमन करें और वापस अपने घरों को लौट आएं। घर में श्रद्धा से बाबा का स्मरण करें। उनका आशीर्वाद आपके लिए बना रहेगा। इस वर्ष मेला स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लम्बे समय तक एक स्थल पर जुटे रहने से कोरोना संक्रमण की संभावना बलवती हो सकती है। इसलिए श्रद्धालुओं को रात्रि विश्राम न करने की सलाह दी जाती है। गुरूदर्शन और पूजा पाठ के बाद सभी अपने-अपने घर लौट जाते हैं। आप सभी से यह भी अपील है कि मेला स्थल पर भीड़ न लगाएं, आपस में पर्याप्त दूरी बनाए रखें। अनिवार्य रूप से स्पर्श लगाकर मेला स्थल पर पूजा-अर्चना करें। अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखें।

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