राज्य सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना से आई किसानों में खुशहाली – विनोद
महासमुंद । संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों में खुशहाली है। प्रदेश में काबिज कांग्रेस सरकार किसानों के साथ पूरा न्याय कर रही है।
उन्होंने सरकार के इस बेहतर कदम के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया है।
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत चौथी किश्त की राशि किसानों को दी जा रही है। इस योजना से प्रदेश के किसान काफी खुश हैं।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य के किसानों के जीवन में खुशहाली का नया दौर शुरू हुआ है। इस योजना के तहत प्रदेश के 18.43 लाख किसानों को चौथी किश्त के रूप में 1104 करोड़ रूपए की राशि दी जा रही है।
इसे मिलाकर कुल 5702 करोड़ 13 लाख की सहायता दी जा रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी जी के शहादत दिवस पर की गई थी। कोरोना संकट का यह एक ऐसा दौर था जब किसानेां को आगामी फसल के लिए मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी।
जिसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने किसानों को बोए गए रकबे के आधार पर चार किश्तों में सहायता देने का निर्णय लिया। इन किश्तों का भुगतान पूर्व में मई, अगस्त व नवंबर महीने में तीन किश्तों में किया गया है। आज 21 मार्च को चौथी किश्त भी दी जा रही है।
होली त्यौहार से पहले चौथी किश्त देकर सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनता से जो वादा किया था उसे पूरा किया जा रहा है। प्रदेश में सरकार गठन के दो घंटे के भीतर ही किसानों से किए गए वादों को पूरा करने की शुरुआत की गई। वहीं न्याय योजना के कारण ही किसानों ने कोरोना संकट के बावजूद बंपर उत्पादन किया। कई चुनौतियों के बाद भी सरकार ने रिकार्ड धान खरीदी की।
गोधन न्याय योजना से भी मिल रहा लाभ
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना से भी लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत 21 मार्च को सात करोड़ 55 लाख रूपए का भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि यह योजना ग्रामोन्मुखी योजना है। यह योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता और गांवों में विकास की अवधारणा पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सबसे पहले नरवा, गरवा, घुरूवा और बारी योजना शुरू की। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने बताया कि पिछले दिनों लोकसभा में कृषि मामलों की स्थायी समिति ने सदन में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में गोधन न्याय योजना की तारीफ करते हुए सुझाव दिया कि किसानों से मवेशियों के गोबर खरीद की ऐसी ही योजना पूरे देश के लिए शुरू की जानी चाहिए।