छत्तीसगढ़ में जनरल प्रमोशन के बाद भी स्कूल मांग रहे परीक्षा फीस, नहीं देने पर रोकी जा रही अंक सूची
रायपुर। राज्य सरकार के तमाम तरह के आदेश और दिशा-निर्देश एवं नियमों के बाद भी निजी स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है।
फीस के नाम पर कई मदों में फीस पालकों से ली जा रही है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि दसवीं और बारहवीं कक्षा को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं में छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया जाएगा।
यह आदेश सरकारी स्कूलों के साथ ही निजी स्कूलों के लिए भी जारी किया गया है। आदेश के पूर्व कई निजी स्कूलों में परीक्षाएं संपन्न हो चुकी थीं, लेकिन कई में परीक्षाएं चल रही थीं अथवा होने वाली थीं।
स्कूलों द्वारा पालकों से अतिरिक्त रूप से परीक्षा शुल्क मांगे जा रहे हैं। नहीं देने पर छात्रों की अंकसूची प्रदान नहीं की जा रही है। पालकों द्वारा कई स्तर पर इसकी शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन रेगुलर मॉनिटरिंग ना होने के कारण इसका कोई असर नहीं हो रहा है।
पैरेंट्स मीटिंग भी
जिन निजी स्कूलों में जनरल प्रमोशन के आदेश के पहले ही परीक्षाएं हो चुकी थीं। उन स्कूलों में पैरेंट्स मीटिंग बुलाई जा रही है। शासन द्वारा स्कूलों को बंद किए जाने के निर्देश के बाद भी पालकों को सामूहिक रूप से बुलाकर उनसे फीस ली जा रही है।
फीस मिलने के बाद ही छात्रों की अंकसूची सौंपी जा रही है। पालकों द्वारा पैरेंट्स मीटिंग का विरोध करने पर स्कूलों का कहना है कि केवल बच्चों को ही स्कूल आने से मना किया गया है। इसलिए वे अंकसूची देने पालकों को बुला रहे हैं।
प्रदेश स्तरीय बैठक आज
निजी स्कूल एसोसिएशन द्वारा आज प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन जीडी डागा स्कूल में रखी गई है। यहां प्रदेश के सभी जिलों से निजी स्कूल संगठन के सदस्य शामिल होंगे। शासन द्वारा एक बार फिर से स्कूल बंद कर दिए जाने के कारण उत्पन्न समस्याओं पर चर्चा होगी।
संगठन का कहना है कि पालकों द्वारा फीस नहीं दिए जाने के कारण कई निजी स्कूल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसका समाधान भी इस बैठक में निकाला जाएगा और शासन को मांगों से अवगत कराया जाएगा।