दंतेवाड़ा की बुधरी ताती को समाज सेवा के लिए मिलेगा वीरनी पुरस्कार
दंतेवाड़ा। हीरानार की बुधरी ताती को समाज सेवा के लिए अम्बेडकर जयंती 14 अप्रैल को वीरनी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. सामाजिक कार्य के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ और भारत के अन्य हिस्सों में उल्लेखनीय और अग्रणी योगदान के लिए उन्हें ये सम्मान दिया जा रहा है. बुधरी ताती समाज सेवा के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का भी काम करती हैं. बुधरी को इससे पहले भी प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मान मिल चुका है.
बुधरी ताती जीवन के 40 साल समाज सेवा में लगाए–
हीरानार की रहने वाली 45 साल की बुधरी ताती क्षेत्र का बेहद जाना-पहचाना नाम है. समाज सेवा के क्षेत्र में उनका बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है. समाज सेवा करने की ललक ऐसी रही कि बुधरी ने अपना घर तक नहीं बसाया. बड़ी दीदी के नाम से जानी जाने वाली बुधरी ताती ने अपने जीवन के 40 साल सामाजिक सेवा में बिता दिए. हर साल नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले ऐसे बच्चे जो गरीबी, लाचारी की वजह से पढ़ लिख नहीं पाते. ऐसे बच्चों को बुधरी ताती ने अपने पास रखकर इन बच्चों में ज्ञान का दीपक जलाया है. साल में 40 से 50 बच्चों को बुधरी ताती अपने पास रखकर बच्चों का पढ़ाई-लिखाई का पूरा जिम्मा लिया है.
वृद्धाश्रम में महिलाओं को बना रही आत्मनिर्भर-
बच्चों की पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ बुधरी ताती वृद्धाश्रम में रह रही महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रही है. आश्रम में 150 महिलाएं अपना जीवन संवार रही है. बुधरी ताती बतातीं है कि अब ये महिलाएं ही उनका परिवार है. आश्रम को शासन-प्रशासन का बहुत सहयोग मिल रहा है