छत्तीसगढ़

राजधानी में लॉकडाउन पर दूध को मिली इजाजत, सामान्य दिनों की अपेक्षा बढ़ गई खपत

रायपुर। कोरोना संक्रमण को रोकने लिए राजधानी में 19 अप्रैल तक लगे लाकडाउन से पशु पालकों की हालत खराब कर दी है। वहीं पैकेट के दूध की खपत सामान्य दिनों की अपेक्षा लगभग पंद्रह फीसद बढ़ गई है।

संक्रमण के बढ़ते प्रभाव से लोगों ने भी दूधिये से गाय और भैंस का दूध लेना भी कम कर दिया है।

सरोना से भैंस का दूध शहर में बेच रहे दिनेश साहू का कहना है कि शहर में संचालित होटल, मिठाई की दुकान से लेकर चाय के ठेले लाकडाउन की वजह से बंद हैं।

इससे पहले की अपेक्षा गांवों से आ रहे दूध की सप्लाई ठप हो गई है। पैकेट के दूध की सप्लाई घरों में जरूर बढ़ी है। उनके जैसे कई दूधिया जो गांव से दूध लाकर शहरी क्षेत्रों में सप्लाई कर रहे थे उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है।

दूध से तैयार उत्पाद की मांग गांव में नहीं

ऐसे में रोजाना बीस लीटर दूध बेच रहे चंदखुरी रहवासी दिनेश कश्यप घर में दूध से मठा, दही, घी तैयार करना शुरू कर दिए हैं, ताकि भारी नुकसान से स्वयं को बचाया जा सके।

हालांकि कश्यप का कहना है कि तैयार हो रही इस सामग्री की मांग गांव में भी नहीं है, क्योंकि अधिकांश घरों में तैयार किया जा रहा है, इसलिए शहर में बेचने के लिए जाना पड़ता है, लेकिन लाकडाउन से आना-जाना बंद है।

मिठाई की दुकानें बंद होने के बाद हलवाइयों के यहां दूध की आपूर्ति नहीं हो रही है। पशुपालक और शहरी क्षेत्रों में सप्लाई करने वाले दूधिया डेयरियों पर ही सप्लाई करना पड़ रहा है। इसकी वजह से गांवों में दूध के दाम लगभग पांच रुपये प्रति लीटर तक गिर गए हैं।

दूधिया पहले मिठाई की दुकानों पर बड़ी मात्रा में दूध सप्लाई कर देते थे। इससे उन्हें दूध बेचने के लिए गलियों में घूमना नहीं पड़ता था। दाम गिरने से गांव में 47 रुपये लीटर तक दूध बिक रहा है, जबकि यही दूध 50 से 60 रुपये दूधिया शहर में लोगों को बेचता था। इसी तरह से पशु पालकों दुधिया 40 रुपये लीटर खरीदना हैं ।

पैकेट दूध की बढ़ी मांग

दतरंगा निवासी दूधिया रमेश चंद्र ने बताया कि अब दूध बाहर नहीं जा रहा, इसलिए कम कीमत पर बेचा जा रहा है। रायपुर, अभनपुर में भी यही स्थिति है। यहां भी दूध की कीमत घट गई है। शहर में रह रहे लोगों में देवभोग सहित निजी कंपनियों के दूध पैकेट की मांग बढ़ गई है।

नवरात्री में फल आदि दुकाने बंद होने के कारण पैकेट दूध की खपत सामान्य दिनों की अपेक्षा 75 हजार लीटर बढ़ी है, जिससे चाय इत्यादि के उपयोग में ले रहे है।

60 हजार लीटर की रोज की थी खपत

रायपुर शहर में 60 हजार लीटर दूध की खपत होती थी। मिठाई के ए ग्रेड के लगभग 20 शोरूम हैं। जिन पर एक हजार लीटर तक दूध खपता था। अन्य मिठाई की 200 से अधिक दुकानें हैं।

इसी तरह 50 ऐसे हलवाई हैं, जिन पर 200 से 700 लीटर दूध सुबह शाम फुटकर में बिकता था। यहां लगभग दस हजार लीटर दूध की सप्लाई बंद है। देशी घी, पनीर, मावा व दही में दूध की खपत होती थी, वह भी थम गई है।

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