नमो देव्यै, महा देव्यै- रायपुर में IPS अधिकारी अंकिता शर्मा ने कोरोना काल में निभाई दोहरी भूमिका
रायपुर। जीवन में संघर्ष कर बहुत से लोग आगे बढ़कर ऐसा काम भी करने लगते हैं, जिसे लोग जीवनभर नहीं भूलते। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जो मुकाम पर पहुंचने के बाद फिर उन रास्तों पर लौटकर आते हैं और बाधाओं को हटाकर आने वाली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाते हैं।
इन्हीं शख्सियतों में से एक हैं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पदस्थ महिला आईपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा। आज वे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।
रायपुर के आजाद चौक सीएसपी के रूप में तैनात अंकिता शर्मा ने ड्रग्स के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़कर 16 बड़ी कार्रवाई कर 30 ड्रग पैडलरों को जेल की सलाखों तक पहुंचाया है। कोरोना काल में अंकिता ने एक साथ दोहरी भूमिका निभाई है।
छत्तीसगढ़ कैडर की आइपीएस अंकिता शर्मा को पहली महिला आइपीएस बनने का गौरव भी हासिल किया है। यूपीएससी परीक्षा 2018 में अंकिता शर्मा ने 203 रैंक प्राप्त की थी। तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली थी।
मूलत: छत्तीसगढ़ के दुर्ग की रहने वाली अंकिता बताती हैं कि अन्य प्रदेशों की तरह छत्तीसगढ़ से भी काफी युवा सिविल सेवा में जाना चाहते हैं।
मगर यहां न तो स्तरीय कोचिंग संस्थान हैं और न ही युवाओं को ढंग से मार्गदर्शन मिल पाता है।
यूपीएससी की तैयारी के दौरान मैंने छत्तीसगढ़ के युवाओं की इस समस्या को करीब से देखा, जाना और समझा। इसलिए आईपीएस बनने के बाद छत्तीसगढ़ के युवाओं की इस समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठाया है।
घर पर रहकर की तैयारी, मिली सफलता
दुर्ग से स्नातक करने के बाद अंकिता शर्मा ने एमबीए किया। फिर कोई कंपनी ज्वाइन करने की बजाय आईपीएस बनने के अपने बचपन के ख्वाब को हकीकत में बदलने में जुट गईं। यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। यहां छह माह रहीं और वापस दुर्ग लौट आईं। आगे की तैयारी घर रहकर ही की और सफल होकर दिखाया।
दुर्ग के रियल एस्टेट कारोबारी राकेश शर्मा और सविता शर्मा की बेटी तीस वर्षीय अंकिता शर्मा तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं। परिवार से कोई भी सिविल सेवा में नहीं है। अंकिता शर्मा ने 26 जनवरी 2020 को गणतंत्र दिवस समारोह में पुलिस परेड ग्राउंड में परेड का नेतृत्व भी किया था।
आजाद चौक सीएसपी कार्यालय बना कोचिंग सेंटर
अंकिता शर्मा ने बताया कि युवाओं को यूपीएससी की कोचिंग के लिए रविवार का दिन इसलिए चुना क्योंकि सप्ताह के बाकी दिन बतौर ड्यूटी के दौरान समय नहीं मिलता है।
अंकिता ने नवंबर 2020 में अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें यह जानकारी दी कि वह यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को अपने कार्यालय में रविवार को सुबह 11 से एक बजे तक कोचिंग देने की पहल कर रही हैं।
अंकिता की यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई। पोस्ट में पते के साथ-साथ मोबाइल नंबर भी शेयर किया गया था। लिहाजा इस पोस्ट के बाद युवाओं के काल आने लगे। वर्तमान में सौ छात्र-छात्राएं उनसे जुड़कर इस नेक कार्य से लाभान्वित हो रहे है। प्रत्येक रविवार को अपने आफिस में छात्रों को वह यूपीएससी की तैयारी करवाने के साथ मेहनत को सही दिशा देने में जुटी है।
आदिवासी छात्राओं को दे चुकी हैं दिशा
अंकिता शर्मा केवल युवाओं को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी नहीं करवा रही हैं, बल्कि पूर्व में परीक्षा दे चुके लोगों से उनकी बुक और नोट्स भी उपलब्ध करवा रही हैं।
इससे पहले जब अंकिता शर्मा आईपीएस बनी ही थी तब दुर्ग के एक छात्रावास की डेढ़ सौ से दो सौ छात्राओं को अपनी तनख्वाह में से पढ़ाई करवाती थीं। इसके लिए एक संस्थान के शिक्षकों को अंकिता शर्मा तनख्वाह से पांच हजार रुपए दिया करती थीं।