श्रम कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की चेतावनी
रायपुर। श्रम मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने श्रम कानून का पालन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोविड काल में किसी प्रकार से कर्मचारियों के साथ अन्याय किए जाने की शिकायत सामने आने पर वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि जिलों में नगरीय निकायों/नगर पंचायतों के अधीन ठेकेदारों के माध्यम से कार्यरत सफाई कर्मकारों की सुध लेते हुए उन्हें शासन द्वारा उपलब्ध सुविधाएं मुहैया कराई जाए। ठेकेदारों के अधीन कार्यरत ऐसे सफाई कर्मचारियों पर किसी तरह अन्याय न हो इसके लिए विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
श्रम विभाग द्वारा कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि सफाई कर्मचारी कोविड 19, कोरोना वायरस के संकटापन्न स्थिति में जिलों के प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ता के रूप में सफाई का कार्य संपादित कर रहे हैं, इन सफाई कर्मियों को आवश्यकतानुसार सुरक्षा उपकरण जैसे मास्क, ग्लव्स इत्यादि उपलब्ध नहीं कराने और कोई चिकित्सा बीमा नहीं होने की शिकायत सामने आई है। सफाई कर्मियों को लॉकडाउन अवधि में कार्य से पृथक करने की धमकीी देने की शिकायत भी कुछ ठेकेदारों द्वारा दी जा रही है। ठेकेदारों पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। श्रम विभाग द्वारा बताया गया है कि संविदा श्रमिक (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1970, कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रकीर्ण अधिनियम 1952, तथा कर्मचारी राज्यबीमा अधिनियम 1948 के तहत प्रमुख नियोजक का यह दायित्व है कि उसके अधीन कार्यरत ठेकेदार द्वारा नियोजित ठेका श्रमिकों के हित संरक्षण के लिए आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। जिसमें कार्यस्थल के लिये आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदाय करना, 10 या 10 से अधिक श्रमिक नियोजित करने पर कर्मचारी राज्य बीमा के तहत श्रमिकों को बीमित कराया जाकर स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदाय करना अथवाा 10 से कम श्रमिक नियोजित होने की स्थिति में संबंधित श्रमिकों को असंगठितकर्मकार मानते हुए, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के तहत पंजीयन कराया जाना आवश्यक है एवं ऐसे पंजीकृत असंगठित श्रमिकों की दुर्घटना अथवा सामान्य मृत्य की स्थिति में नामित को रूपये 1 लाख एवं स्थायी अपंगता की स्थिति में श्रमिक को रूपये 50 हजार अनुदान राशि प्रदाय करने का प्रावधान छ0ग0 असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल में किया गयाहैै । बिना पूर्व सूचना एवं नियमानुसार आवश्यक स्वत्वों (नोटिस पे, छंटनी मुआवजा, उपादान, कार्य अवधि के अवकाश नगदीकरण इत्यादि) के भुगतान के बिना कोई भी ठेकेदार ठेका श्रमिकों को कार्य से पृथक नहीं कर सकता। 20 या 20 से अधिक श्रमिक नियोजित होने की दशा में नियमानुसार भविष्य निधि के अनुसार अंशदान जमा करना अन्यथा अन्य समूह पेंशन योजना का लाभ प्रदाय करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। शासन द्वारा नगरीय निकाय/नगर पंचायत में ठेकेदारों के माध्यम से कार्यरत सफाई कर्मकारों को श्रम कानूनों के प्रावधानों केे अनुरूप लाभ प्रदाय करने संबंधितों को निर्देशित करने कहा गया है। शिकायत सामने आने पर संविदा श्रमिक अनिधिनियम के तहत उल्लंघन मानते हुए संबंधितों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है। सफाई कर्मकारों को वर्तमान संकटापन्न स्थिति को देखते हुए सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।