एजुकेशनछत्तीसगढ़

रायपुर: 2 साल की ग्रामीण सेवा अनिवार्य, पूरी नहीं करने पर 54 MBBS डॉक्टरों पर हो सकती कार्रवाई

रायपुर। स्वास्थ्य विभाग MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद शासकीय/ग्रामीण सेवा के अनुबंध के अनुसार पदस्थापना नहीं करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. ऐसे डॉक्टरों से अनुबंध राशि की वसूली के साथ ही उनका पंजीयन भी रद्द होगा. पांच दिनों के अंदर डॉक्टरों को ज्वाइनिंग का आदेश दिया गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 28 मई 2020 और 5 फरवरी 2021 को दो अलग-अलग आदेश जारी कर MBBS उत्तीर्ण डॉक्टरों को ग्रामीण सेवा के लिए दो साल की संविदा सेवा पर पदस्थ किया था.

5 दिनों में जॉइनिंग का आदेश –

दरअसल 28 मई 2020 को जारी आदेश के बाद 31 डॉक्टरों और 5 फरवरी 2021 को जारी आदेश के संबंध में 23 डॉक्टरों ने अब तक पदस्थापना वाली जगहों पर ज्वाइन नहीं किया है. विभाग ने सभी 54 डॉक्टरों को 5 दिनों के अंदर पदभार ग्रहण करने को कहा है. छत्तीसगढ़ चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा स्नातक प्रवेश नियम के तहत अनुबंधित डॉक्टरों को MBBS प्रवेश के समय अनुबंध के अनुसार संविदा आधार पर दो साल की शासकीय सेवा करना अनिवार्य है.

मेडिकल काउंसिल में हो सकता है पंजीयन रद्द-

इससे पहले भी लापता डॉक्टरों को पदस्थापना के लिए ऑर्डर जारी किया गया था. शासन ने अब कड़े शब्दों में 5 दिनों के अंदर ज्वाइनिंग का आदेश दिया है. ऐसा नहीं करने पर या बॉन्ड के उल्लंघन पर राशि की वसूली, राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीयन रद्द किए जाने के साथ ही पाठ्यक्रम अवधि के दौरान शासन की तरफ से मिली पूरी स्कॉलरशिप की राशि वसूली जाएगी.प्रदेश में कोरोना कहर बनकर हर किसी को अपनी चपेट में ले रहा है. ऐसे समय में हर कोई मदद को आगे आ रहा है. ऐसे में जिन डॉक्टरों के ऊपर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है, वे अपनी ड्यूटी से बचने की कोशिश कर रहे हैं. जिसे देखते हुए शासन ने ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई की तैयारी की है.

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