रायपुर के निजी अस्पतालों पोर्टल पर नहीं मिल रही सही जानकारी
रायपुर। कोरोना संक्रमण इलाज के लिए प्रशासन ने 84 निजी अस्पतालों को इसकी अनुमति दे दी है। इसकी जानकारी ऑनलाइन प्रतिदिन देनी है।
इसमें प्रतिदिन अस्पतालों को खाली और भरे हुए बेड की जानकारी देनी होगी। बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल में सभी अस्पताल फुल हैं, लेकिन इनकी हकीकत कुछ और ही है। कुछ अस्पताल ऐसे हैं जो ऑनाइल पर सही जानकारी उपडेट नहीं कर रहे हैं।
पोर्टल में तो बेड फुल दिखाए जा रहे लेकिन नईदुनिया ने पड़ताल की तो तस्वीर कुछ और ही सामने आई है। जिम्मेदार अधिकारी भी इसकी सुध नहीं ले रहे। पड़ताल में ऑक्सीजन और वेंटिलेडर बेड भी खाली होने की बात सामने आई।
गौरतलब है कि कोरोना मरीजाें को जल्द से जल्द इलाज मिल जाए। इसको देखते हुए निजी अस्पतालों में खाली और सरकारी बेड की सही जानकारी उपलब्धता के लिए ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया। लेकिन ऑनलाइन में बेड फुट बता रहे, लेकिन जब अस्पताल में जाकर बात की गई तो उसकी कहानी अलग थी।
भाटागांव स्थित निजी अस्पताल की पड़ताल की गई तो पता चला कि यहां मरीजों की भर्ती करने के लिए पहले पैसे की बात हो रही। जब कि यहां ऑनलाइन ऑक्सीजन बेड फुल बताया जा रहा। कुछ खर्च पहले छह लाख रुपये बता रहे, इसके बाद पांच लाख रुपये खर्च बताकर पैसे जमा करने के बाद बेड देने की बात कर रहे।
यह हाल एक जगह का नहीं है राजधानी के तीन बड़े अस्पतालों में भी नईदुनिया ने फोन कर बात की और अस्पताल में बेड की जानकारी मांगी। जब मजबूरी बताई तो उनका कहना था पैसे तत्काल जमा करने होंगे वेंटिलेटर उपलब्ध हो जाएगा, जबकि उस अस्पताल का आनलाइन वेंटिलेटर फुटल बता रहा।
जिम्मेदार को नहीं है चिंता
नईदुनिया ने जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में फोन किया तो फोन तक नहीं उठाए। इस साफ है कि वे कितने चिंतित हैं।
कलेक्टर ने नहीं दिया कोई जवाब
रायपुर कलेक्टर से जब इस संबंध में जानकारी मांगने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने ने फोन नहीं उठाया।
निजी अस्पताल का हाल रायपुर (21 तारीख तक का) :
84 – निजी अस्पताल
4274 – कुल बेड
1977 – ऑक्सीजन बेड
32 – ऑक्सीजन बेड खाली
311 – वेटिलेंटर
01 – खाली
सरकारी अस्पताल (सभी बेड फुल) :
03 – सरकारी अस्पताल
1156 – कुल बेड
480 – ऑक्सीजन बेड
159 वेंटिलेटर