कोरोना काल में डिप्रेशन से दूर रखेंगे ये 5 उपाय
कोरोना महामारी ने इसांन को 1 साल बाद फिर से उसी मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। दिन पर दिन लगातार कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं, असमय मौत हो रही है। इस बीमारी से निपटने के लिए एक बार फिर से लॉकडाउन की नौबत आ गई है।
संपूर्ण देश और दुनिया में कोरोना की स्थिति अनुसार लॉकडाउन लगाया जा रहा है। इसका सीधा असर इंसानों के दिमाग पर पड़ रहा है। साल 2020 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा था कि कोविड-19 बीमारी का शिकार हुए लोगों में से करीब 30 फीसद डिप्रेशन का शिकार हुए। हालांकि इस बीमारी के बारे जितना सोचते हैं वह दीमक की तरह इंसान को खोखला कर देती है।
इस बीमारी का शिकार होने पर कुछ उपाय है जिन्हें फॉलो कर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
आइए जानते हैं 5 उपाय-
1. किताबें- कहा जाता है खाली दिमाग शैतान का घर होता है। शैतान आपके दिमाग पर कब्जा करें आप उससे पहले दिमाग को व्यस्त रखें। जी हां, आप लॉकडाउन में अलग-अलग प्रकार की बुक्स पढ़कर अपना नॉलेज बढ़ा सकते हैं। अपने आपको हमेशा व्यस्त रखें। अगर किताबें पढ़़ने में रूचि नहीं हो तो आप मैग्जीन, कॉमिक्स भी पढ़ सकते हैं।
2. गेम्स खेलें- अक्सर वक्त मिलने पर लोग मोबाइल चलाने लगते हैं। इससे बेहतर है आप परिवार के साथ कई तरह के इंडोर गेम्स खेल सकते हैं। गेम्स खेलने से हमेशा दिमाग हल्का रहता है। हंसी ठिठोली करते रहें।
3. बेब सीरिज- आज के वक्त में कई लोग बुक्स पढ़ना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में आप वेब सीरिज भी देख सकते हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हर प्रकार का कंटेट उपलब्ध है। ज्ञानवर्धक कंटेट भी मौजूद है। इसलिए अपने खाली समय का सदुपयोग करते हुए वेब सीरिज भी आप देख सकते हैं।
4.नए टास्क बनाएं- कहते हैं जीवन में हमेशा लक्ष्य होना चाहिए। जो हर दिन आपको जगाए। इससे आप कुछ बड़ा काम करने का विचार करते हैं, पाॅजिटिविटी बनी रहती है, क्रिएटिव थिकिंग बढ़ती है। इसलिए हर दिन या हर सप्ताह के अनुसार अपने काम से जुड़ें टास्क खुद को देते रहें।
5. मानवता- कोरोना काल में सबसे अधिक मानवता की जरूरत है। घर में रहकर भी अगर किसी को आर्थिक रूप से अपनी क्षमता अनुसार भी सहयोग कर सकते हैं तो जरूर करें। इससे आपके मन को जरूर शांति मिलेगी। अपने दोस्तों से बात करते रहें। अपने ऑफिस के साथियों से भी काम के अलावा बात करते रहें। समाज में सक्रिय रहें। यह सभी गतिविधियां करने से आपका दिमाग और मन शांत रहेगा।
कह सकते हैं कि कोरोना महामारी का दौर पिछले साल की तुलना में और भी अधिक खतरनाक है। इस वक्त में सभी को एक-दूसरे की जरूरत है। कोशिश करें कि कोरोना की अधिक न्यूज नहीं देखें। इसे देखने से अधिक चिंता होती है।