छत्तीसगढ़

कोविड कंट्रोल रूम जरिए होम आईसोलेशन सहित अस्पताल में भर्ती मरीजों पर रख रहे निगरानी

सुकमा।जिला में कोविड पाॅजिटिव मरीजों की जानकारी एकत्रित करने और मरीजों तथा आम जन को कोविड संबंधी सहायता उपलब्ध कराने हेतु जिला स्तरीय कंट्रोल रुम स्थापित है। जहाँ नियुक्त अधिकारी कर्मचारी 24 घण्टे अपनी सेवाए दे रहे हैं।
कंट्रोल रुम प्रभारी श्री आशीष राम ने कंट्रोल रुम के कार्य प्रणाली के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि जिले में कहीं भी कोई भी पाॅजीटिव प्रकरण आने पर तत्काल कोविड कन्ट्रोल रूम को सूचना मिल जाती है। जिसके बाद कन्ट्रोल रूम और विभिन्न जगहों पर तैनात टीम अपना-अपना कार्य प्रारम्भ करते हैं।

किसी भी व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पाॅजीटिव आने पर सर्वप्रथम कोविड मरीज को अस्पताल पहुचाने के लिए एम्बुलेंस भेजी जाती है। मरीज को एम्बुलेंस के माध्यम से तत्काल जिला कोविड अस्पताल पहुंचाया जाता हैं जहां चिकित्सकों द्वारा मरीज का प्राथमिक जांच किया जाता है। प्राथमिक जांच के पश्चात् मरीज की हालात और संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए या तो उसको कोविड अस्पताल में ही भर्ती किया जाता है या यदि होम आईसोलेशन की सुविधा प्रदान करने के लिए मरीज के घर में आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों तो होम आईसोलेशन में भेजा जाता है

इसके साथ ही संबंधित क्षेत्र के नोडल अधिकारी को मेसेज के जरिए काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सूचित किया जाता हैं। जिले में काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग हेतु 15 सदस्यीय 4 टीम का गठन किया गया है जो छिन्दगढ़, सुकमा, दोरनापाल और कोण्टा में है। इस टीम द्वारा पाॅजीटिव पाए गए मरीज के सम्पर्क के आए लोगों की सूची तैयार की जाती है, जिसमें पिछले 10 दिन में सम्पर्क में आए लोगों को शामिल किया जाता है। प्राथमिक कान्टेक्ट में आए व्यक्तियों की कोरोना जाँच की जाती है और एहतियात के तौर पर क्वारंटीन किया जाता है। इस दौरान संपर्क में आए व्यक्तियों की भी सतत मानिटरींग की जाती है। जियो टैगिंग के माध्यम से मरीज के घर का लोकेशन का पता लगाया जाता है।

मरीज को होम आईसोलेशन में रखे जाने पर संबंधित क्षेत्र के वार्ड प्रभारी द्वारा घर का भौतिक सत्यापन एवं कोविड संबंधी स्टीकर मरीज के घर पर चस्पा किया जाता है। जिससे अन्य जनों को सावधानी हो। वार्ड प्रभारी द्वारा सूचनात्मक स्टीकर चस्पा करने के उपरान्त घर के बाकी सदस्यों और आस पड़ोस में मरीज से सम्पर्क में आए लोगों का भी कोरोना जांच की जाती है। मरीज को 10 दिवस होम आईसोलेशन में रखा जाता है। जिसमें प्रतिदिन चिकित्सीय परामर्श, दवाईयों की जानकारी, आॅक्सीमीटर आदि उपलब्ध कराए जाते हैं। कन्ट्रोल रूम से प्रतिदिन मरीज के स्वास्थ्यगत जानकारी ली जाती है। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीज भी फोन के माध्यम से कोविड अस्पताल की सुविधाओं भोजन, व्यवस्था, चिकित्सीय सुविधा इत्यादि की जानकारी कन्ट्रोल रूम में प्रदान कर सकते हैं। जिसपर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाती है।

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