अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस के दिन भी मजदूरों की सुध नहीं ली भूपेश बघेल सरकार: डागेसवर भारती
रायपुर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपअध्यक्ष यूथ विंग व आ़ंरग विधानसभा प्रभारी ने कहा की लॉक डाउन की वजह से बेरोजगारी झेल रहे मजदूरों के हित में आवाज उठाते हुए प्रेस विज्ञप्ति करते हुए कहा कि लॉक डाउन का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी के मजदूर और ठेलों,रेड़ी पटरी और खोमचों के माध्यम से रोज कमाने खाने वालों की कमाई पर पड़ता है।
1
मई दिवस के मौके पर प्रदेश सरकार से उम्मीद थी कि इन लोगों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए सरकार कोई राहत पैकेज की घोषणा करेगी पर मायूसी ही हाथ लगी।
सबसे ज्यादा बुरी दशा निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों की है।जबकि निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के कल्याण के लिए राज्य सरकार का “भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य मजदूर कल्याण मंडल”भी अस्तित्व में है।प्रदेश भर में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भवन निर्माण होता है।उन सभी निर्माण कार्यों की लागत राशि का एक प्रतिशत भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार शुल्क के रूप में जब तक मंडल को शुल्क अदा नहीं की जाती स्थानीय निकाय द्वारा भवन निर्माण हेतु अनुज्ञापत्र जारी नहीं किया जाता।
इस प्रकार प्रतिवर्ष करोड़ों रुपयों की राशि शुल्क के रूप में जमा होती है।सरकार की ओर से भी श्रमिकों के कल्याण के लिए भी बजटीय प्रावधान होता है पर ये सारे रुपये कहाँ और कैसे खर्च होता है पता ही नहीं चलता।
पिछले साल से जारी कोरोना महामारी की वजह से मजदूरों की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है अतः सरकार से उम्मीद की जाती है कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश के विकास की कहानी अपने पसीने से लिखने वाले मजदूरों के साथ खड़ी हो।
डागेसवर भारती ने बघेल सरकार से मांग की कि मजदूर कल्याण निधि की राशि से मजदूरों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की जाए ताकि लॉक डाउन की अवधि में मजदूर परिवार अपना भरणपोषण कर सकें।