भिलाई। दुर्ग जिले में बीते एक महीन से लॉकडाउन है। शराब दुकाने बंद हैं। फिर भी गली-गली में शराब उपलब्ध है। चार गुना दामों में शराब बेची और खरीदी जा रही है। जो लोग शराब नहीं खरीद पा रहे हैं, वे लोग मधु मुनक्का और मेडिकल स्टोर में मिलने वाली टेबलेट का इस्तमाल करने लगे हैं।
बता दें कि दुर्ग जिले में छह अप्रैल से लॉकडाउन है। पांच अप्रैल से देशी-अंग्रेजी शराब दुकानें बंद हैं। शराब का परिवहन बंद है, पर भी शहर में शराब मिल रही है। शहर में हर ब्रांड की शराब आसानी से उपलब्ध है। टाउनशिप का क्षेत्र हो, कोहका, सुपेला, कैंप क्षेत्र, खुर्सीपार, भिलाई-तीन चरोदा में खुलेआम शराब बेची व खरीदी जा रही है।
शहर के लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सभी जिलों की सीमााएं सील है, प्रदेश की सीमा सील है, चौक-चौराहों पर पुलिस तैनात है, उसके बाद भी लॉकडाउन में शराब आ कहां से रही है। शराब के शौकिन चार गुना ज्यादा कीमत में बिक रही शराब भी खरीद रहे हैं।
– 80 रुपये वाला देशी प्लेन- 250 रुपये
– 90 रुपये वाला देशी मसाला- 300 रुपये
-इसी तरह दो सौ से 250 रुपये वाला अंग्रेजी का क्वाटर- 550 रुपये से 650 रुपये में
-700 सौ से 12, 15 सौ वाले अंग्रेजी शराब के बोतल की कीमत तीन हजार से चार हजार रुपये में बेची जा रही है।
महुआ व संतरी की भी डिमांड
जिन लोगों को देशी व अंग्रेजी नहीं मिल पा रही है. वे लोग जंगल इलाकों से महुवा की शराब मंगा रहे हैं। कुछ लोग महाराष्ट्र की संतरी को भी ऊंचे दामों में शहर में खपा रहे हैं।
जिन लोगों को शराब उपलब्ध नहीं हो पा रही है, वो किराना दुकानों व पान ठेलों से मधु मुनक्का लेकर खा रहे हैं। ज्यादातर लोग मेडिकल स्टोर में मिलने वाली टेबलेट का सेवन कर रहे हैं।