बृजमोहन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, 30 जून तक MBBS परीक्षा पूरा कर चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने की मांग
रायपुर। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर देश के अन्य राज्यों की तरह नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देशों के अनुसार एमबीबीएस फाइनल पार्ट-1 की वार्षिक परीक्षा 30 जून तक पूरा कर चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि इस परीक्षा के आयोजन होते ही प्रदेश को 850 डॉक्टर शीघ्र मिलेंगे, जिससे प्रदेश को कोरोना से लड़ने में काफी मदद मिलेगी। गांव-गांव में डॉक्टरों की पोस्टिंग की जा सकेगी। अग्रवाल ने लिखा है कि कोरोना संक्रमण गांवों व दूरस्थ आदिवासी अंचलों में तेजी से फैल रहा है। यह गंभीर चिंता का विषय है। चिकित्सा सेवाएं बेहतर बनाने के लिए अधिक से अधिक एमबीबीएस डॉक्टर की आवश्यकता है।
वैक्सीन दिलाने क्यों पहल नहीं करते भाजपा नेता: कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा नेताओं से पूछा है कि राज्य को कोरोना की वैक्सीन दिलाने के लिए क्यों पहल नहीं कर रहे हैं? शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 18 से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने की घोषणा मात्र को ही अपना कर्तव्य समझा। राज्यों को वैक्सीन कैसे मिलेगी, इसकी योजना नहीं बनाई। भाजपा नेता सोशल मीडिया में वैक्सीन के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दे रहे हैं, लेकिन देश को वैक्सीन कब मिलेगी, यह सवाल पूछने का साहस किसी में नहीं है। भाजपा के 9 लोकसभा सांसद, दो राज्यसभा सांसद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह सभी दिग्गज छत्तीसगढ़ से आते हैं, लेकिन किसी ने भी आज तक पीएम को वैक्सीन दिलाने के लिए चिट्ठी तक नहीं लिखी है। यह भाजपा नेताओं का राज्य के लोगों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया है। क्या लोगों ने इन सांसदों को सिर्फ वेतन-भत्ते और रुतबे के लिए चुन कर भेजा है?
बंगले से निकलकर लोगों के लिए काम करे सरकार: भाजपा
काेराेना की राेकथाम के लिए सांसद संतोष पांडेय ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सरकारी बंगले से बाहर निकलकर काम करने की नसीहत दी है। पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौर में क्रिकेट मैच कराने का अदूरदर्शी और अविवेकपूर्ण फैसला लिया। इसके बाद जब कोरोना के केस बढ़ने लगे तब प्रदेश के संसाधनों को असम में झोंक दिया। असम में झूठे वादों का महाभ्रम फैलाने की कोशिश की, लेकिन वहां की जनता ने नकार दिया। ओला गिरने से किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसे कोई देखने वाला नहीं है। धान खरीदी केंद्रों में लाखों के धान का उठाव नहीं हुआ है। अस्पतालों में लूट मची है। लॉकडाउन से बड़ी संख्या में छोटे व्यापारियों, सेलुन, पान ठेला, बैंड बाजा, घोड़ी वालों के यहां भूखे मरने की नौबत आ गई है। इन सबके विपरीत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठकें कर ही राज्य की स्थिति में सुधार का दावा कर रहे हैं।