कोरोना महामारी में ग्राम पंचायतों के सरपंच हुए कर्जदार, मनरेगा की राशि पिछले 6 माह से अप्राप्त
तिल्दा। छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी से ग्राम पंचायतों में अनेक समस्याओं को जन्म दिया है पिछले साल से कोरोना महामारी के कारण जनपद पंचायत तिल्दा नेवरा के ग्राम पंचायतों में विकास कार्य थम गया है । जनपद पंचायत तिल्दा नेवरा जिला रायपुर में शासन से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायतों में कोरोना काल मे कार्य स्वीकृति पश्चात निर्माण कार्य ग्रामीण आवश्यकता अनुसार कराया गया । जिसमे निर्माण कार्यों के मजदूरी भुगतान तो हो गया पर वो भी आधा अधूरा और सामाग्री राशि का भुगतान रोक दिया गया है ,पिछले 6 माह से राशि नही मिलने के कारण जनपद पंचायत तिल्दा नेवरा के 101 पंचायतों के सरपंच कर्जदार हो गए है । दुकानदार ,ट्रेडर्स वाले हर दिन राशि मांग हेतु फ़ोन लगा रहे है जिससे सरपंच गण अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है । कार्य कराने के बाद पछता रहे है ,उधारी में सामग्री खरीदी किये है राशि भुगतान देर होने पर दुकानदार ब्याज सहित राशि लेने की बात कर रहे है । इस गंभीर कोरोना काल के कारण सरपंच गण उधारी में दब गए है । इस प्रकार शासन का रवैया रहा तो ग्राम पंचायतों में सरपंच गण मनरेगा योजना अंतर्गत निर्माण कार्य नही करा सकते ।
सरपंच संघ जनपद पंचायत तिल्दा नेवरा के अध्यक्ष श्री मिथलेश साहू द्वारा बताया की दिनांक 06 मई 2021 को जनपद पंचायत तिल्दा नेवरा के 101 पंचायत का वर्चुअल बैठक आयोजित किया गया जिसमें मनरेगा योजना के तहत जनपद पंचायत तिल्दा के ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य का राशि पिछले भुगतान दीपावली पर हुआ था उसमें भी बहुत से पंचायतों का सामग्री का भुगतान तकनीकी दिक्कतों के कारण नही हो पाया था । उसके बाद से अभी तक लगभग 6 माह मनरेगा योजना अंतर्गत निर्माण कार्यों का 1 रुपये भी नही मिला है । जिसके संबद्ध संघ द्वारा निर्णय लिया गया कि जब तक पुराने कार्य का राशि पाप्त नही होता तब तक नया कार्य प्रारंभ नही किया जाएगा । सरपंच संघ तिल्दा नेवरा अध्यक्ष मिथलेश साहू द्वारा शासन से मांग किया गया कि शासन जल्द से जल्द मनरेगा कार्य सामग्री मद का राशि भुगतान करें जिससे सरपंच कर्जदारों के बोझ से बच सके ।