छत्तीसगढ़

प्रदेश में इस जिले कोरोना टीकाकरण को लेकर पनप रही कई अपवाहे, संक्रमण से बचने दोनों डोज़ आवश्यक

गौरेल-पेण्ड्रा-मरवाही। कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिये टीकाकरण के दोनों डोज लगाया जाना संक्रमण से बचाव का एक प्रमुख उपाय है। लेकिन गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में टीकाकरण के डोज को लेकर अनेक भ्रांतियां पनप रही है जोकि पूरी तरह से अफवाह है। ग्रामीणजनों में यह भ्रांतियां है कि टीकाकरण लगाये जाने से बुखार आता है लेकिन टीकाकरण होने के बाद बुखार आना एक सामान्य लक्षण है और बुखार भी सभी व्यक्तियों को नहीं आते केवल कुछ लोग ही इससे प्रभावित होते है। कुछ लोगों को भ्रांतियां है कि टीकाकरण कराये जाने से मृत्यु हो जाती है लेकिन टीकाकरण होने के पश्चात् टीकाकरण की वजह से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं होती बल्कि किसी की मृत्यु होने का कारण संबंधित व्यक्ति का किसी गंभीर बिमारी से पूर्व ग्रसित होना या समय पर चिकित्सक से ईलाज न कराना होता है। कुछ लोगों की भ्रांतियां है कि टीकाकरण से बांझपन, नपुसंकता आती है। यह पूरी तरह से अफवाह है। चूंकि जिले में अब तक लगभग 72 हजार वैक्सीन लगाए जा चुके हैं और वैक्सीन लगवाने वाले सभी व्यक्तियों में इस तरह की किसी भी प्रकार की समस्याएं नहीं है।

कुछ लोगों में भ्रांतियां है कि टीकाकरण के दौरान किडनी निकाल ली जाती है, टीकाकरण एक अंतराष्ट्रीय षडयंत्र है, टीकाकरण जनसंख्या नियंत्रण का एक उपाय है जोकि ये सभी बातें अफवाह है क्योंकि जिले, राज्य, देश सहित पूरे अंतराष्ट्रीय स्तर पर सभी पात्र व्यक्तियों के द्वारा टीकाकरण प्राथमिकता से लगवाया जा रहा हैै। क्योंकि टीकाकरण के द्वारा ही कोरोना महामारी से बचा जा सकता है। इसलिये सभी जिलेवासियों से अपील है कि वे किसी भी प्रकार की अनावश्यक भ्रांतियों पर ध्यान न देते हुये टीकाकरण के दोनों डोज जरूर लगवाएं, जिससे जिले में कोरोना महामारी के संक्रमण को रोका जा सके।

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