भूपेश सरकार के जन हितेषी फैसले की वजह से ही प्रदेश ने कोरोना पर पाया काबू : डॉ रश्मि चंद्राकर
महासमुंद। जिला कांग्रेस कमेटी महासमुंद की अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने बताया कि भूपेश बघेल जी की सरकार के जन हितेषी फैसले और मजबूत इरादों की वजह से आज प्रदेश में कोरोनावायरस कंट्रोल में आया।
जहां पूरा देश ऑक्सीजन की कमी से परेशान था वही प्रदेश में 460 टन ऑक्सीजन की उत्पादन हो रहा था, जबकि मात्र 164 टन ऑक्सीजन ही प्रदेश में मरीजों के लिए खपत हो रही थी। भूपेश सरकार ने बाकी बचे ऑक्सीजन से अन्य राज्यों को भी मदद पहुंचाया। प्रदेश में बेड की भी कमी नहीं गत दिवस पहले छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के जानकारी के अनुसार 16,000 बेड खाली पड़े हैं। प्रदेश में रोजाना 60-70 हजार कोरोना टेस्टिंग किया जा रहा है।
पॉजिटिव संख्या में भी रोजाना कमी देखी जा रही है। प्रदेश में रोज 12000 से 15000 तक मरीज कोरोनावायरस को दे रहे हैं शिकस्त। इसी तरह रेमडेसीविर इंजेक्शन का भी प्रदेश में कमी नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले से ही 90,000 इंजेक्शन का इंतजाम पहले से करके रखा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग में 300 डॉक्टरों की भर्ती भी की गई है।
स्वास्थ्य के साथ-साथ लॉकडाउन के वजह से प्रदेश की जनता की आर्थिक तंगीयों को देखते हुए भूपेश बघेल जी की सरकार ने 2 माह का राशन मुफ्त में देने का फैसला किया है जिसका सभी ने सहर्ष स्वागत किया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का धन्यवाद भी किया।
रश्मि चंद्राकर ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार स्वास्थ्य को लेकर सजग है और छत्तीसगढ़ की जनता को वैक्सीनेशन करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। मगर केंद्र सरकार के खराब नीतियों की वजह से आज वैक्सीनेशन की कमी और वैक्सीन की मारामारी नजर आ रही है और इसका जिम्मेदार केंद्र सरकार है।
देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लगा हुआ है इस एक्ट का मतलब सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है ऐसे में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड, दवाई या फिर वैक्सीनेशन इन सब की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की बनती है। मगर जनता को राम भरोसे छोड़ कर केंद्र सरकार चुनाव लड़ने में व्यस्त नजर आ रही थी।
इसके पूर्व देश में 70 साल कांग्रेस की सरकार रही 11 प्रकार के बीमारियों से देश ने मुकाबला किया, जिसके लिए 12 प्रकार के टीके बनाए और उस समय से लेकर जब तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब तक टीकाकरण के लिए केंद्र की कांग्रेस सरकार ने किसी से पैसा नहीं लिया। चुकी पिछले 17 महीनों से कोरोना की वजह से देशवासियों का काम धंधा और व्यापार चौपट हो गया है।
लॉकडाउन ने सभी की जेब खाली कर दी है ऐसे में मोदी सरकार के द्वारा वैक्सीनेशन के लिए पैसे की मांग करना बिल्कुल ही गलत निर्णय है इस समय केंद्र की सरकार को बाकी प्रोजेक्ट को छोड़कर सिर्फ वैक्सीनेशन को ध्यान देना चाहिए और कांग्रेस की मांग के अनुसार गरीब परिवारों के खाते में प्रतिमाह ₹6000 तक के आर्थिक रूप से सहायता करनी चाहिए।