छत्तीसगढ़

प्रदेश में सब्जी विके्रता, पत्रकारों के परिजनों को भी फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा, जानें और किन्हें माना गया फ्रंटलाइन वर्कर

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोविड-19 महामारी के बीच फ्रंटलाइन वर्करों की सूची में कुछ नए वर्गों को शामिल किया है। इसमें सब्जी विक्रेता से लेकर कर्मचारी तक शामिल हैं। पत्रकारों और वकीलों के परिजनों को भी इसमें शामिल किया गया है। सूची में शामिल नए लोगों को टीकाकरण में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। फ्रंटलाइन वर्करों को केवल टीकाकरण में फायदा मिलेगा। जेल के बंदियों को भी टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी।

गौरतलब है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पूर्व में ही निर्देश दे दिए गए थे, परंतु मामला न्यायालय में होने के कारण लंबित था। कई अन्य राज्यों में पत्रकारों और वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए उनका टीकाकरण किया जा रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए राज्य के पत्रकारों और वकीलों के साथ ही उनके परिजनों को भी फ्रंटलाइन वर्कर के समान टीकाकरण में प्राथमिकता देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री बघेल द्वारा इस संबंध में पूर्व में दिए निर्देश और टीकाकरण के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिवों की समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार द्वारा फ्रंटलाइन वर्कर की सूची में जिन श्रेणियों को शामिल किया है उनमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिभाषित कोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन देने वाले एवं सब्जी विक्रेता, बस ड्राइवर कंडक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव/कर्मी, पीडीएस दुकान प्रबंधक और विक्रेता, इंस्टीट्यूशनल केयर में रहने वाली महिलाएं, गांव के कोटवार एवं पटेल, राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी और उनके इमिडियेट परिजन शामिल हैं।

इसी तरह इस सूची में वृद्धाश्रम, महिला देखभाल केन्द्र एवं बाल देखभाल में कार्यरत व्यक्ति, शमशान, कब्रिस्तान में कार्यरत व्यक्ति, दिव्यांग, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली अर्धशासकीय संस्थाओं जैसे- प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, मार्कफेड, सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी, कलेक्टर द्वारा कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्ति, राज्य शासन द्वारा परिभाषित किसी अन्य श्रेणी के व्यक्ति को भी शामिल किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा फ्रंटलाइन वर्कर की पहचान के संबंध में विस्तृत मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किया जाएगा। यदि फ्रंटलाइन वर्कर श्रेणी का कोई व्यक्ति एपीएल का छोड़कर अन्य कोई राशनकार्ड लाता है तो उसे भी उस राशनकार्ड की श्रेणी में माना जाएगा और यदि राशनकार्ड लेकर नही आता है तो उसे फ्रंट लाईन वर्कर की श्रेणी में माना जाएगा। जेल में रहने वाले बंदियों को भी टीकाकरण में वही प्राथमिकता दी जाए जो फ्रंटलाइन वर्कर को दी जाएगी क्यांेकि वो अपनी सुरक्षा नही कर सकते। इसी प्रकार वकीलों और पत्रकारों तथा उनके इमिडियेट परिजनों को भी फ्रंटलाईन वर्कर के समान ही टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी।

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