सिंचाई कर अदा कर चुके किसानों के साथ सरकारी अन्याय है 4 वर्षों का बकाया टैक्स माफ़ी :अध्यक्ष भूपेंद्र शर्मा
रायपुर। एक ओर तो अपनी सरकार द्वारा सिंचाई कर माफ कर दिये जाने का कांग्रेसियों द्वारा इसे किसान हित में ठहरा स्वागत का दौर शुरू हो गया है तो दूसरी ओर इसकी प्रासंगिकता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होना शुरू हो गया है । 4 कृषि वर्षों के बकाया टैक्स माफी को सिंचाई कर अदा कर चुके 90 प्रतिशत किसानों के साथ सरकारी अन्याय ठहराते हुये रायपुर जिला जल उपभोक्ता संस्था संघ के अध्यक्ष रहे भूपेंद्र शर्मा ने कहा है कि इसका लाभ सिर्फ 10 प्रतिशत उन किसानों को मिलेगा जो अपने रसूख के चलते टैक्स अदा नहीं करते । उन्होंने सिंचाई कर अदा कर चुके इन 90 प्रतिशत किसानों को इन 4 वर्षों का राशि उनके खाते में डाल वापस लौटाने का आग्रह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है ।
ज्ञातव्य हो कि प्रदेश सरकार ने नवंबर ‘ 2018 से ले जून 2020 तक की स्थिति की जलकर की बकाया राशि व सन् 2020 – 21की चालू मांग राशि ( खरीफ + रबी ) को माफ करने की घोषणा राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन बाद बीते 3 मई को की है । श्री शर्मा के अनुसार यह जलकर कृषि सत्र 2017-18 , 2018-19 , 2019 – 20 व चालू कृषि वर्ष 2020 – 21 की होती है । सिंचाई अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुते उन्होंने जानकारी दी है कि प्रत्येक कृषि वर्ष में 15 मार्च तक खरीफ जलकर अदा न होने पर वह वैधानिक बकाया की श्रेणी में आ जाता है । विधानसभा चुनाव के लिये बनाये गये कांग्रेस के घोषणा पत्र में जलकर की बकाया राशि माफ किये जाने का उल्लेख होने की ओर ध्यानाकर्षण कराते हुये उन्होंने जानकारी दी है कि नवंबर ’18 में विधानसभा चुनाव संपन्न होने व वर्तमान सरकार के सत्तारूढ़ होने पर चुनावी वादा निबाहते हुये जलकर की वर्षों पुराने राशि को तो माफ़ कर दिया गया पर सन् 2017 – 18 के जलकर की राशि को ध्यानाकर्षण के बाद भी इस तकनीकी आधार पर माफ नहीं किया गया कि वह बकाया की परिभाषा में नहीं आता । इस राशि को कालांतर में पेनाल्टी सहित किसानों से विभागीय अधिकारियों द्वारा वसूले जाने का भी उन्होंने रहस्योद्घाटन किया है । उन्होंने आगे जानकारी दी है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा सन् 2018-19 ,2019-20 के जलकर की राशि उन्हीं वर्षों में 15 मार्च के पहले व 2020-21के खरीफ फसल का जलकर भी बीते 15 मार्च के पूर्व किसानों से वसूला जा चुका है और इस साल के रबी का जलकर वसूला जाना ही शेष बचा है । उन्होंने आगे जानकारी दी है कि 90 प्रतिशत किसान इन वर्षों का जलकर अदा कर चुके हैं और बकायादार 10 प्रतिशत वे ही किसान हैं जो अपने राजनैतिक रसूख के चलते अथवा विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर राशि अदा नहीं करते । उन्होंने वर्तमान कृषि सत्र के रबी फसलों का जलकर माफ कर दिये जाने की घोषणा पर सवालिया निशान खड़ा करते हुते कहा है कि जहां तक जानकारी है कि शासन के पानी से 99 प्रतिशत किसान रबी फसल नहीं उगाता और ग्रीष्मकालीन धान रबी की परिभाषा में नहीं आता । उन्होंने इस घोषणा को सिंचाई कर अदा कर चुके 99 प्रतिशत किसानों के साथ सरकारी अन्याय ठहराते हुये प्रदेश के मुखिया से आग्रह किया है कि वे इन किसानों के खाते में वसूल किये जा चुके राशि को एकमुश्त अविलंब वापस डलवाने की घोषणा कर क्रियान्वित करावे । उन्होंने शासन को आगाह किया है कि ऐसा न होने पर पटवा सरकार जैसे हश्र होने की आंशका है जिन्होंने ‘भाजपा का कहना साफ हर किसान का कर्जा माफ ‘ का नारा दे किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी पर इसका लाभ सिर्फ अपने रसूख के दम पर कर्ज न पटाने वाले चंद प्रभावशाली किसानों को ही मिला और आगामी चुनाव में किसानों ने भाजपा को सत्ता के गलियारे से बाहर कर दिया था । उन्होंने इस संबंध में यथाशीघ्र कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे का भी ध्यानाकर्षण कराये जाने की जानकारी देते हुये कांग्रेस के किसान हितैषी नेताओं से आग्रह किया है कि वे इन वर्षों का जलकर अदा कर चुके किसानों की राशि उनके खातों में एकमुश्त डलवाने पहल करें ।