जिला सीईओ ने मृतक की पत्नी खुशबू चन्द्रकार को सौंपे 5.50 लाख रूपये की अनुग्रह राशि
रायपुर। जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अधिकारी, डॉ गौरव सिंह ने अपने स्वभाव का परिचय देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत् शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र – उरला में पूर्व में संविदा स्टॉफ नर्स के पद पर कार्यरत् स्व. नीलकंठ चंद्राकर की पत्नी खुशबू चद्रांकर निवासी महासमुन्द छ. ग. को अनुकम्पा अनुदान एवं अनुग्रह भुगतान की कुल राशि 5.50 लाख शब्दो में पांच लाख पचास हजार का धनादेश प्रदान किया।
उपरोक्त संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ मीरा वघेल ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समस्त संविदा कर्मचारियों के लिये वर्तमान मे प्रचलित मानव संसाधन नीति – 2018 के तहत् यह प्रावधान है कि यदि किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी की कार्यालयीन सेवा के दौरान किसी दुर्घटना/नक्सली हमला/ आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार के लिये 01 वर्ष के मासिक मानदेय के समतुल्य सहयोग राशि अथवा 5 लाख जो भी अधिक हो प्रदाय किया जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार कार्यदायित्व निर्वहन से संबंधित प्रकियाओ को पूर्ण करने के दौरान आकस्मिक दिवंगत होने पर उसके आश्रित परिवार के नामांकित सदस्य को एक मुस्त राशि 50000/- पचास हजार रूपये “अनुकंपा अनुदान” के रूप में दिये जाने का प्रावधान है।
उपरोक्त प्रावधान संविदा कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु दिनांक से 45 दिन के भीतर अनुग्रह भुगतान किया जाता है। मृत्यु की समय सीमा में सूचना कार्यालय प्रमुख जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष एवं राज्य स्वास्थ्य समिति को दी जानी होती हैं। इस संबंध में विदित हो कि जिले के बीरगांव क्षेत्र की शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, ज्योतसना ग्वाल, आदित्य एवं प्रभारी अधिकारी उरला ने प्रकरण को तत्काल राज्य के संज्ञान में लाकर समय सीमा के अन्दर स्व. नीलकंठ चंद्राकर की पत्नी खुशबू चद्रांकर को इस लाभ से लाभान्वित कराया है।
उपरोक्त घटना के संबंध में शहरी कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती ज्योत्सना ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में पदस्थ, संविदा कर्मचारी श्री नीलकंठ चंद्राकर, स्टॉफ नर्स जो कि दिनांक 05 सितम्बर 2018 से स्टॉफ नर्स, एन.यू.एच.एम. के पद पर पदस्थापना स्थल – शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरला में पदस्थ थे। वे अत्यंत हसमुख एवं मिलनसार व्यक्तित्व के कर्मठ कर्मचारी थे। वर्तमान में कोविड टेस्टिंग एवं कोविड तथा नॉन कोविड दोनो सेवायें शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरला में दे रहे थे। सेवा के दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजो के संपर्क में आने से आप संकमित हुए। जिससे आपको बुखार आने पर आपके द्वारा एंटीजेन टेस्ट दिनांक 05 अप्रेल 2021 को कराया गया था। जिसका परिणाम – पॉजिटीव आया था। जिसके उपरांत स्वास्थ्य बिगड़ने पर तत्काल उनके परिवार के सदस्यो ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के दौरान उनकी मृत्यु 16 अप्रेल 2021 को हो गई थी। जिसका संज्ञान लेकर प्रभारी चिकित्सक ने तत्काल इसकी सूचना जिला कार्यालय का दी थी। तदउपरांत पूर्ण संवेदना के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों ने इसकी सूचना मुख्य कार्यपालन अधिकारी, एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अधिकारी, डॉ गौरव सिंह को दी। जिसे आपने प्रकियाधीन लाते हुए त्वरित राज्य हेतु प्रकरण को बढ़ाया तथा उसकी स्वीकृति उपरांत आज दिनांक को पत्नी खुशबू को अनुकम्पा अनुदान एवं अनुग्रह भुगतान की कुल राशि 5.50 लाख शब्दो में पांच लाख पचास हजार का धनादेश प्रदान किया एवं यथा संभव उन्हें हर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।
उपरोक्त त्वरित प्रकिया हेतु खुशबू तथा उनके परिवार के सदस्यो ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी एंव मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जहां एक ओर धन्यवाद किया वहीं राज्य अधिकारी मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रमती प्रियंका शुक्ला का दिल से आभार व्यक्त किया । जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने सभी कर्मचारियों से अपील की कि यदि कोई भी इस प्रकार के प्रकरण किसी के संज्ञान में भी आये जो त्वरित सूचना संस्था प्रभारी को जिले में देना चाहिए जिससे उनके परिवार को यह प्रावधानित सहयोग राशि तत्काल प्रदान की जा सकें। इसके साथ ही आपने यह भी जानकारी दी कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रारंभ 2005 से अब तक के समयावधि में यह अनुग्रह राशि के भुगतान का प्रथम प्रकरण जिले में प्रदान किया गया है। जिसका प्रावधान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 2018 के मानव संसाधन नीति में किया गया है।