छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने भगवान परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया की प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने भगवान परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। डॉ.महंत ने कहा कि भगवान परशुराम को विष्णु का छठा अवतार कहा जाता है। परशुराम जयंती वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है।
अक्षय तृतीया को परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है। परशुराम का तेज और शौर्य ही था कि उन्होंने कार्तवीर्य सहस्रार्जुन का वध करके अराजकता को समाप्त किया और नैतिकता और न्याय का साथ दिया।
परशुराम पृथ्वी के पाप बोझ को नष्ट करने और सभी प्रकार की बुराई को दूर करने के लिए आए थे। इस दिन से हिंदू संस्कृति के स्वर्ण युग की शुरुआत हुई है। इसे पूरे भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। डॉ.महंत ने कहा कि भगवान परशुराम ने हमेशा जरुरतमंद लोगों की मदद की। इस दिन शुभ मुहूर्त देखे बिना ही कार्य किए जाते हैं क्योंकि इस दिन को शुभ माना जाता है। परशुराम जयंती को हिंदुओं की ओर से समर्पण और उत्साह के साथ मनाया जाता है। मूल रूप से परशुराम का नाम राम था।
विस अध्यक्ष डॉ.महंत ने कहा कि अक्षय का अर्थ होता है, जिसका क्षय न हो,इसलिए माना जाता है कि इस तिथि को किए गए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता है। इस दिन को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है।
समस्त शुभ कार्यों के अलावा प्रमुख रूप से शादी, स्वर्ण खरीदने, नया सामान, गृह प्रवेश, पदभार ग्रहण, वाहन क्रय, भूमि पूजन और नया व्यापार प्रारंभ कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन स्नान, ध्यान, जप-तप करना, हवन करना, स्वाध्याय और पितृ तर्पण करने से पुण्य मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन पंखा, चावल, नमक, घी, चीनी, सब्जी, फल, इमली और वस्त्र वगैरह का दान शुभ माना गया है।