पारंपरिक त्यौहार ‘अक्ति’ छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया गया
रायपुर। प्रदेश में अक्षय तृतीया के दिन ‘अक्ति’ त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन किसान खरीफ फसल की शुरुआत के लिए धरती मां की पूजा अर्चना करते हैं और फिर जमीन के कुछ हिस्से की खुदाई कर उसमें बीज छिड़ककर खरीफ फसल की तैयारी की औपचारिक शुरुआत करते हैं। बच्चे मिट्टी से बने गुड्डे-गुड़िया का ब्याह रचाते हैं।
अभनपुर अंचल के किसानों ने भी अक्षय तृतीया पर धरती मां और साहड़ा देव के समक्ष बरसों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया। महासमुंद में लॉकडाउन के चलते अक्षय तृतीया का पर्व फीका नजर आया। लॉकडाउन का असर इस पर्व में होने वाले शादी ब्याह के साथ-साथ पौराणिक मान्यता गुड्डा-गुड़ियों की शादी पर भी दिखा।
वहीं सरायपाली में लॉकडाउन के कारण अक्षय तृतीया का पर्व फीका नजर आया। लॉकडाउन का असर इस पर्व में होने वाले शादी ब्याह के साथ-साथ पौराणिक मान्यता गुड्डा-गुड़ियों की शादी पर भी दिखा।
इधर सरगुजा जिले में अक्षय तृतीया के दिन 300 से ज्यादा शादियां होने के कारण पूरा प्रशासनिक महकमा अलर्ट पर रहा।
गांव से लेकर शहरों तक जहां मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई तो वहीं कई स्थानों पर नियम विरुद्ध आयोजन किए जाने को लेकर जुर्माने की कार्रवाई भी की गई। कलेक्टर संजीव झा, एसपी टीआर कोशीमा समेत सीईओ, एडिशनल एसपी और एसडीएम सभी सक्रिय नजर आए और उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को शादी आयोजन में कोविड-19 के पालन के निर्देश दिए।